छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन
सारकेगुड़ा पहुंचा छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन का प्रतिनिधिमंडल

रायपुर। नक्सल प्रभावित इलाके सारकेगुड़ा में 28 जून को बड़ी संख्या में इलाके के ग्रामीण एकत्र हुए। रायपुर से छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन सीबीए का एक प्रतिनिधिमंडल भी यहां पहुंचा। ग्रामीणों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि 1912 में हुई सारकेगुड़ा की घटना के दोषियों पर अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।

उल्लेखनीय है कि नौ वर्ष पहले वर्ष 2012 में नक्सलियों के नाम पर एक फर्जी मुठभेड़ में 7 नाबालिगों सहित 17 आदिवासी मारे गए थे। इस घटना के खिलाफ गठित एक जांच आयोग ने इन सभी आदिवासियों की मौतों के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया था, बावजूद इसके दोषी अधिकारियों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसी घटना की बरसी पर सारकेगुड़ा में हजारों ग्रामीण एकत्र हुए।

यह भी पढ़ें: कोरोना: अब देश के केवल 111 जिलों में 100 से अधिक मामले, जानिए रिकवरी रेट का अपडेट

अनेक बाधाएं पार करनी पड़ी

सीबीए के प्रतिनिधिमंडल में शामिल छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 28 जून को सारकेगुड़ा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाते समय अनेक बाधाएं पार करनी पड़ी, तब जाकर प्रतिनिधिमंडल स्थल तक पहुँचाने में सफल रहा।

दस हजार से ज्यादा आदिवासी शामिल हुए

प्रतिनिधिमंडल ने नौ साल पहले फर्जी मुठभेड़ में मारे गए सारकेगुड़ा के शहीदों को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की तथा यहां आयोजित विशाल श्रद्धांजलि और प्रतिरोध सभा को संबोधित किया। इस सभा में दस हजार से ज्यादा आदिवासी शामिल हुए, जिन्हे अनेक प्रमुख लोगों ने सम्बोधित किया। इस मौके पर 2012 में हुई घटना मारे गए लोगों को श्रद्धांजली दी गई, साथ ही इस घटना के दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी बुलंद की गई।

यह भी पढ़ें: कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सात दिन से ‘मुर्गा’ बन रहे राजस्थान के छात्र, जानें क्यों?

विभिन्न जन संगठनों व आंदोलनों से जुड़े सीबीए के इस 15 सदस्यीय दल में सीबीए के संयोजक आलोक शुक्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम, माकपा राज्य सचिव व छग किसान सभा राज्य अध्यक्ष संजय पराते, मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया व प्रियंका शुक्ला आदि शामिल थे, जिन्होंने इस जन सभा को संबोधित भी किया और आदिवासियों के संघर्षों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर