आपदा में धोखाधड़ी: 30 रुपए की दवा पर रेमडेसिविर के स्टीकर चिपका कमाए 5 करोड़, 4 गिरफ्तार

टीआरपी न्यूज डेस्क। कोविड महामारी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के अनेक मामले सामने आए हैं लेकिन,अब 30 रुपए की दवा पर रेमडेसिविर के स्टीकर चिपका कर पांच करोड़ कमाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड समेत चार आरोपियों को पानीपत पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

10 हजार में से 4 हजार इंजेक्शन खपा दिए बाजार में

पुलिस के अनुसार आरोपियों ने 12 हजार एंटीबायोटिक इंजेक्शन खरीदे और स्टीकर लगा रेमडेसिविर के नाम पर बेच डाले। दो हजार इंजेक्शन को बाद में भाखड़ा नहर में बहा दिया । 10 हजार में से चार हजार इंजेक्शन आरोपियों ने पानीपत में खपा दिए।

मास्टरमाइंड के पास से 48 लाख रुपए बरामद

इस मामले में पुलिस ने मुजफ्फरनगर निवासी मोहम्मद शहवार को गिरफ्तार किया है। मोहम्मद शहवार के साथ तीन अन्य को भी गिरफ्तार किया है। इनमे से दो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और एक पंजाब के मोहाली का रहने वाला है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इंजेक्शन बेचे गए। पुलिस ने मास्टरमाइंड मोहम्मद शहवार से 48 लाख रुपए भी बरामद किए हैं। मोहम्मद शहवार फिलहाल पुलिस रिमांड में है।

ऐसे किया फर्जीवाड़ा

पानीपत पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि मोहम्मद शहवार ने हैदराबाद स्थित रेमडेसिविर बनाने वाली मूल कंपनी हेट्रोजेट को 30 हजार इंजेक्शन का ऑर्डर दिया, जो कि रिजेक्ट कर दिया गया। जिसके बाद उसने फर्जीवाड़े का प्लान बनाया। उसने पंचकूला स्थित सनवेट फार्मा कंपनी को बुखार में दी जाने वाली एंटीबायोटिक पिपरोटेजो के 30 हजार इंजेक्शन का ऑर्डर दिया, जिसमें से 12 हजार इंजेक्शन मिले।

ये इंजेक्शन मिलने के बाद इनको रात भर पानी में रखा और स्टीकर निकल दिए। जिसके बाद हेट्रोजेट कंपनी के स्टीकर और रैपर छपवाए और एंटीबायोटिक इंजेक्शन पर चिपका कर रेमडेसिविर के नाम पर बेचा। एक नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को 5000 रुपए की कीमत से बेचकर पांच करोड़ कमा लिए। स्टीकर हटाने और लगाने का काम मोहाली में हुआ था।

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