निगम-मंडल में जगह नहीं मिलने से कई मायूस, कुछ ने भड़ास निकाली... तो इस नेता ने पद लेने से किया इनकार
रायपुर। निगम-मंडलों की दूसरी सूची को लेकर प्रदेश में खुशी और गम का माहौल देखने मिल रहा है। हालांकि जिलेवार प्रतिनिधित्व देने की भरपूर कोशिश की गई। किन्तु कई नेता अभी भी असंतुष्ट हैं। कुछ ने तो सोशल मीडिया, और फेसबुक के जरिए अपनी भावनाओं का इजहार कर दिया।
इनमें सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस के सचिव अरूण भद्रा ने वाट्सएप मैसेज भेजकर अपना पद लौटाने की घोषणा कर दी है।भद्रा को आरडीए के संचालक मंडल का सदस्य बनाया गया है। इससे वे संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने वाट्सएप मैसेज में सभी सदस्यों को बधाई दी है। उन्होंने अपने मैसेज में लिखा कि सीएम चुनाव के पहले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में प्रदेश स्तरीय काम सौंपते थे, और उसी दमदारी से पार्टी हित में काम को सफल बनाने का प्रयास करता था, जो कि जग जाहिर है।
सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने जो भी मुझे काम सौंपे हैं, उसे निभाया है। उन्होंने आगे लिखा कि नए सरकारी पद, और सुविधा को स्वीकार नहीं कर रहा हूं। यह किसी समर्पित साथी को देना ही सार्थक होगा। इसी तरह कोरबा के पार्षद रहे महेन्द्र सिंह चौहान ने अर्चना उपाध्याय को राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि महापौर चुनाव के दौरान रेणु अग्रवाल का खुलकर विरोध किया था। बहुत सारे अपशब्दों का प्रयोग किया था। यदि इसी तरीके से कांग्रेस में सदस्यों की नियुक्ति होती है, तो कांग्रेस को राम-राम।
दूसरी तरफ, कई बड़े नेता भी सूची में जगह नहीं मिलने से मायूस हैं। पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी, दीपक दुबे, सुभाष शर्मा सहित कई नेताओं का नाम चर्चा में था, लेकिन उन्हें जगह नहीं मिल सकी। हालांकि अभी भी दर्जनभर से अधिक निगम-मंडलों में नियुक्तियां होनी बाकी है। जिन निगम-मंडलों में अभी नियुक्तियां नहीं हुई है उनमें सीएसआईडीसी, मार्कफेड, ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन, उर्दु अकादमी, सिंधी अकादमी, राजभाषा आयोग, मदरसा बोर्ड सहित कई अन्य हैं।
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