सिद्धू की ताजपोशी से आहत कैप्टन आज कर सकते हैं बड़ा धमाका, पंजाब पर नजर  

नई दिल्ली/चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में सिद्धू की ताजपोशी से आहत कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार को कोई बड़ा धमाका कर सकते हैं। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कैप्टन का यह संभावित धमाका सीधे पार्टी हाईकमान को धाराशाही करेगा।

अनुमान लगाया जा रहा है कि पंजाब में कैप्टन सरकार का कार्यकाल करीब छह माह ही बचा रह गया है, ऐसे में कैप्टन ने अगर कोई धमाका किया तो कांग्रेस हाईकमान की परेशानी बढ़ना तय है।

आलाकमान को अनदेखी पड़ सकती है भारी

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान ने जिस तरह कैप्टन को अनदेखा करते हुए नवजोत सिद्धू को प्रधान नियुक्त करने का एलान किया है, वह कैप्टन को बहुत नागवार गुजरा है। कैप्टन ने हाईकमान के फैसले का सम्मान करते हुए सिद्धू को प्रधान बनाने पर सहमति जता दी थी और एक मामूली शर्त यही रखी थी कि सिद्धू उन पर की गई अभद्र टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें, तभी वे सिद्धू से बात करेंगे।

जानबूझ कर किया कैप्टन का अपमान

कैप्टन और सिद्धू के कद का अंतर समझें तो यह शर्त बहुत बड़ी नहीं थी, लेकिन हाईकमान ने कैप्टन को बहुत ही हल्के में ले लिया। अब उन्हें सिद्धू किसी भी कीमत पर प्रधान के रूप में मंजूर नहीं है और हाईकमान के अपने प्रति इस बर्ताव को कैप्टन ने अपमान के रूप में लिया है।

1984 के घटनाक्रम के बाद पंजाब कांग्रेस में जान फूंकने वाले और 2017 में जब पूरे देश में कांग्रेस का सफाया गया था, तो पंजाब में अपने बूते पर कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पार्टी हाईकमान ने मौजूदा मामले में जैसा सलूक किया है, कैप्टन उससे बुरी तरह आहत हुए हैं।

संगठन में भी नाराजगी

हाईकमान ने न सिर्फ सिद्धू को बहुत ज्यादा तरजीह दे दी है, बल्कि अब तक प्रदेश कांग्रेस की बागडोर संभाल रहे नेताओं को सिरे से दरकिनार कर दिया है। हाईकमान ने सिद्धू के साथ जिन नेताओं को कार्यकारी प्रधान बनाया है, वह भी सिद्धू के पक्षधर रहे हैं। इस तरह प्रदेश कांग्रेस में अब कैप्टन और पुराने कांग्रेसियों का दबदबा खत्म हो गया है।

अगले चुनाव में जीत से सारे दरवाजे बंद

ताजा घटनाक्रम के बाद पंजाब कांग्रेस के अनेक विधायकों ने मान लिया है कि पार्टी हाईकमान ने 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के सारे दरवाजे बंद कर लिए हैं। इन विधायकों का मानना है कि पंजाब में कांग्रेस का एकमात्र चेहरा कैप्टन अमरिंदर सिंह ही हैं और उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस अगले चुनाव में पूरे विश्वास के साथ उतर कर जीत हासिल कर सकती थी।

विधायकों का यह भी कहना है कि सिद्धू प्रकरण के कारण राज्य कांग्रेस की जो छिछालेदार आम जनता के बीच अब तक हो चुकी थी, उसे भी कैप्टन ही सुधार सकते थे लेकिन नवजोत सिद्धू को कमान सौंपकर हाईकमान ने पार्टी को पटरी से उतार दिया है। दशकों से पंजाब में कांग्रेस के लिए तन-मन से समर्पित रहे नेता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

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