नई दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIIMS ) के डॉक्टरों ने कमाल कर दिया है। उन्होंने पूरी तरह बेहोश किए बिना एक मरीज की सफल ब्रेन सर्जरी ( Brain Surgery ) की है।

खास बात यह है कि सर्जरी के दौरान ऑपरेटिंग रूम में ऑपरेशन के दौरान हनुमान चालीसा की भक्ति छंदों की गूंज सुनाई दी है। दरअसल AIIMS में एक 24 वर्षीय युवती का ब्रेन ट्यूमर की सफल सर्जरी की गई। सर्जरी के दौरान युवती खुद हनुमान चालीसा का जाप कर रही थी।
तीन घंटे तक चलती रही सर्जरी
न्यूरोसर्जरी अस्पताल के प्रमुख डॉक्टरों की टीम ने एम्स में तीन घंटे के लंबे ऑपरेशन के दौरान युवती के ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी की। सर्जरी के एक महत्वपूर्ण हिस्से के दौरान युवती को पूरी हनुमान चालीसा का पाठ करते देखा गया। इसकी जानकारी ऑपरेशन टीम का हिस्सा रहे डॉक्टर दीपक गुप्ता ने दी है। उन्होंने बताया कि युवती का विश्वास था कि वो हनुमान चालीसा पढ़ेगी तो उसका संकट कट जाएगा।
A successful brain tumor surgery was performed by Neuro Team of @aiims_nd during surgery patient was reciting #Hanuman Chalisa.#जय_श्रीराम #जयहनुमान pic.twitter.com/dMyHcMAhUN
— Abhay Pratap Singh (@abhay_om) July 23, 2021
ऑपरेशन के दौरान लड़की हनुमान चालीसा का पाठ करती रही। वहीं, डॉक्टर ऑपरेशन में लगे रहे। इस ऑपरेशन का वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है।
ब्रेन सर्जरी काफी मुश्किल मानी जाती है। डॉक्टर इसमें काफी सावधानी बरतते हैं। यह अलग बात है कि दिल्ली एम्स की न्यूरो एनेस्थेटिक टीम का इरादा कुछ अलग करने का था।
डॉक्टरों ने मरीज को बेहोश किए बिना ही ब्रेन सर्जरी की। ऑपरेशन थिएटर में मौजूद मेडिकल स्टाफ में से किसी ने इस ऑपरेशन का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया जो अब वायरल हो रहा है।
डॉक्टर दीपक गुप्ता के मुताबिक युवती दिल्ली के शाहदरा इलाके की रहने वाली है। उनका कहना है कि युवती के सिर के कई हिस्सों में ट्यूमर था, इसके लिए उसकी सर्जरी की गई।
युवती के सिर के ऊपरी हिस्से को सुन्न करने के लिए पहले एनेस्थीसिया के इंजेक्शन दिए गए, इसके साथ ही युवती को दर्द निवारक दवाएं भी दी गईं।
इस तकनीक से हुई सर्जरी
डॉ गुप्ता ने बताया कि युवती की सर्जरी को सफल बनाने के लिए उसके सिर के अंदर की नसों को अलग-अलग रंगों से कोडिंग की गई थी, जिसे चिकित्सा की भाषा में ट्रेक्टोग्राफी कहते हैं।
इस तरह की सर्जरी से ब्रेन को काफी कम नुकसान होता है और इस दौरान मरीज के मस्तिष्क के महत्वपूर्ण हिस्सों को कोई नुकसान न हों इसके लिए उन्हें जगाए रखा जाता है।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम और वॉट्सएप पर…