प्रदेश में निराश्रित बुजुर्गों के लिए 31 वृद्धाश्रम हैं संचालित, जहां रह रहे हैं 744 बुजुर्ग
प्रदेश में निराश्रित बुजुर्गों के लिए 31 वृद्धाश्रम हैं संचालित, जहां रह रहे हैं 744 बुजुर्ग

रायपुर। जनगणना के मुताबिक प्रदेश में 20 लाख 27 हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिक हैं। इनमें से 744 बुजुर्ग ऐसे हैं जो राज्य भर में संचालित 31 वृद्धाश्रमों में रह रहे हैं। इसकी जानकारी देते हुए समाज कल्याण विभाग का दावा है कि छत्तीसगढ़ में संयुक्त परिवार की परंपरा, पारिवारिक संवेदनशीलता और बुजुर्गों के प्रति सम्मान के कारण वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों की संख्या अधिक नहीं है।

उपेक्षित बुजुर्गों की अच्छी देखभाल

परिवार और समाज से उपेक्षित बुजुर्गों की देखभाल, सुरक्षा और उन्हें सम्मान जनक पारिवारिक वातावरण प्रदान करने के लिए समाज कल्याण विभाग निरंतर काम कर रहा है। प्रदेश के 31 वृद्धाश्रमों में 744 बुजुर्गों को भोजन, आवास, स्वास्थ्य देख-भाल सहित मनोरंजन की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वृद्धाश्रमों में निवासरत बुजुर्गों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराया गया है। वर्तमान में वृद्धाश्रमों में भवन की क्षमता से कम बुजुर्ग ही निवासरत हैं।

स्वैच्छिक संस्थाएं भी चला रहीं हैं वृद्धाश्रम

निर्धन व निराश्रित बुजुर्गों को सहारा देने के लिए प्रदेश में 31 वृद्धाश्रमों का संचालन किया जा रहा है। इनमें केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 22 और स्वेच्छिक संस्थाओं द्वारा 9 वृद्धाश्रम संचालित हैं। आवश्यकता पड़ने पर प्राथमिकता के आधार पर बुजुर्गों को वृद्धाश्रमों में प्रवेश दिया जा रहा है। यदि किन्ही कारणों से भवन की क्षमता से अधिक पात्र वरिष्ठ नागरिक को प्रवेश की जरुरत होती है तो उन्हें अन्य वृद्धाश्रम में प्रवेश दिया जाता है।

क़ानूनी मदद की होती है जरुरत

वृद्धाश्रम के अनेक बुजुर्ग ऐसे होते हैं, जो प्रताड़ना और उपेक्षा के चलते अपने परिवार से अलग रहते हैं, ऐसे बुजुर्गों को क़ानूनी मदद की जरुरत होती है। मगर अधिकांश वृद्धाश्रमों में इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, पूछने पर बताया जा रहा है की बुजुर्ग खुद नहीं चाहते कि वे अपने बच्चो के खिलाफ कोई क़ानूनी कार्रवाई कराएं। वैसे शासन का प्रयास रहता है कि बुजुर्ग अपने परिवार में सकुशल जीवन-यापन करें और उन्हें वृद्धाश्रम में रहने की जरुरत नहीं पड़े। समाज कल्याण विभाग द्वारा बुजुर्गों के प्रति समाज में सम्मानजनक वातावरण निर्मित करने के लिए विभिन्न माध्यमों से निरंतर प्रचार-प्रसार और जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

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