सुकमा। जिले के एर्राबोर इलाके की ऐसी भी बहनें हैं जिन्होंने सलवा जुडूम के दौरान अपने भाइयों को खोया। इनमें से छह भाई सुकमा के उडपलमेटा में नक्सलियों का शिकार हुए थे और हमले में नक्सलियों से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए थे। इन जवानों की शहादत को आज 12 साल बीत गए मगर अब भी इनकी बहनें राखी की रस्म निभाना नहीं भूली हैं।

गांव में बनाया गया है शहीद जवानों का स्मारक

कोंटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत एर्राबोर में इन शहीद जवानों का स्मारक बनाया गया है, जिसमें हर साल बहनें आ कर अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधती हैं। गौरतलब है कि 9 जुलाई 2007 के एर्राबोर के उडपलमेटा में नक्सली हमले में कुल 23 जवान शहीद हो गए थे, जिसमें एर्राबोर के 7 जवान भी शामिल थे। यहां दो अलग-अलग नक्सली हमलों में बहनो ने अपने 7 भाइयों को खोया था। वहीं एक की नक्सल हत्या हुई थी।

सूनी नहीं रहती इन भाइयों की कलाइयां

उडपलमेटा हमले में शहीद जवानों की कलाइयां आज भी सूनी नहीं रहतीं, इन बहनों को अपने भाइयों पर गर्व है कि वे नक्सल मोर्चे पर लड़ते-लड़ते शहीद हो गए। ये बहनें राखी के अलावा 15 अगस्त और 26 जनवरी को भी यहां आती हैं और मूर्तियों पर फूल माला चढाती हैं।

जगह-जगह स्थापित हैं शहीदों की मूर्तियां

एर्राबोर में ही इस स्थल से कुछ किलोमीटर की दूरी पर नक्सली घटनाओं में शहीद 12 जवानों की मूर्तियां स्थापित की गईं हैं। यहां भी रक्षा बंधन, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर ऐसी ही चहल-पहल होती है, और शहीदों के परिजन यहां आकर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में अनेक स्थानों पर ऐसे नज़ारे देखने को मिलते हैं, जहां शहीदों के स्मारक स्थापित हैं। यहां बड़ी संख्या में लोगों ने अपने जवान बेटों को खोया है, और उनकी स्मृतियां ही शेष हैं।

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