सरगुजा में एल्युमिना प्लांट के विरोध में हुई महासभा, 11 गांवों के हजारों ग्रामीण हुए एकत्र
सरगुजा में एल्युमिना प्लांट के विरोध में हुई महासभा, 11 गांवों के हजारों ग्रामीण हुए एकत्र

अम्बिकापुर। जशपुर के बाद अब सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड के ग्राम चिरगा में प्रस्तावित माँ कुदरगढ़ी एल्युमिना रिफाइनरी प्लांट के विरोध की आग सुलगने लगी है। यहाँ प्लांट के विरोध में महासभा का आयोजन किया गया, जिसमे पहुंचे हजारों ग्रामीणों ने कहा कि चाहे उनकी जान क्यों न चली जाये, वे यहाँ प्लांट लगने नहीं देंगे।

अंबिकापुर जिले का यह वही इलाका है, जहां कुछ माह पूर्व माँ कुदरगढ़ी एल्युमिना रिफाइनरी प्लांट की स्थापना के लिए पर्यावरणीय जनसुनवाई हुई थी, और तब गुस्साए ग्रामीणों ने प्लांट की खिलाफत करते हुए इससे जुड़े अधिकारियों की पिटाई कर दी थी। इसके बावजूद प्रबंधन द्वारा यहां प्लांट स्थापित करने की नियत से जमीनों की खरीद-फरोख्त का काम किया जा रहा है। इसकी जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने फिर से प्लांट के विरोध की मुहिम शुरू कर दी है।

मंत्री अमरजीत ने किया किनारा, गणेश भगत ने की अगुवाई

सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड के ग्राम चिरगा में प्रस्तावित इस प्लांट के विरोध में आयोजित महासभा में पहुंचे हजारों ग्रामीणों ने मार्च निकला और नारेबाजी की। ग्रामीणों ने इस महासभा में अपने इलाके के विधायक और छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री अमरजीत भगत को भी आमंत्रित किया था, मगर वे नहीं आये, वहीं पूर्व मंत्री और भाजपा के नेता गणेश राम भगत यहां जरूर पहुंचे।

अमरजीत से गुस्साए ग्रामीणों ने कहा कि चुनाव प्रचार के समय भगत उनसे वोट मांगने के लिए हाथ जोडक़र आते हैं। आज जब ग्रामीणों को उनकी जरूरत है तो वह क्षेत्र में होते हुए भी यहाँ नहीं आ रहे हैं, आज ग्रामीणों को उनके सामने हाथ जोडऩा पड़ रहा है।

गौरतलब है कि माँ कुदरगढ़ी एल्युमिना रिफाइनरी प्लांट के मालिक द्वारा जशपुर जिले में भी एक स्टील प्लांट की स्थापना की जा रही है, जिसका विरोध करते हुए वहां के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने प्लांट की सुनवाई रुकवा दी। जशपुर के ग्रामीणों की इस मुहीम का नेतृत्व भी भाजपा नेता गणेश राम भगत ने किया था, सरगुजा में हुए विरोध प्रदर्शन की अगुवाई भी गणेश राम ने की।

जमीन दलालों की जमकर हुई खिंचाई

महासभा और रैली के दौरान ग्रामीणों ने कुछ जमीन दलालों को भी घेर लिया और उन्हें समझाइश दी कि अगर वह जमीन खरीदी बिक्री से बाज नहीं आए तो परिणाम बुरा होगा। जहां पर फैक्ट्री बनाया जाना है वहां पर आदिवासियों का एक मंदिर था, जिसे कुछ असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया। इसे लेकर भी ग्रामीण काफी गुस्से में हैं।

प्रशासन और कंपनी प्रबंधन की मिलीभगत से हो रहा फर्जीवाड़ा

ग्रामीणों ने आरोप लगया है कि सरगुजा प्रशासन एवं कंपनी प्रबंधन की मिली भगत से माँ कुदरगढ़ी एल्युमिना रिफाइनरी प्लांट बिना ग्रामवासियों की सहमति और फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव के आधार पर स्थापित किया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव के आधार पर ग्राम पंचायत कुनियां, विकास खण्ड मैनपाट से ग्राम पंचायत चिरगा तक बॉक्साईट परिवहन हेतु लगभग 13 करोड़ रूपये की उच्च स्तरीय सडक़ बनाने हेतु शासन द्वारा स्वीकृति दी जा रही है, जिससे सीधे कम्पनी प्रबंधन को लाभ प्राप्त होगा।

प्रदूषण से होगा भारी नुकसान

जानकारों का मानना है कि यदि ग्राम चिरगा में प्लांट स्थापित होता है तो ग्राम चिरगा के चारों तरफ लगभग 10 से 12 कि.मी. तक के गाँवों में वायु, पानी, तथा गांव का वातावरण प्रदूषित हो जायेगा, क्योंकि जो मशीन स्थापित होगी, वह चाईना मॉडल की है, जिससे अन्य मशीनों की तुलना में तीन गुना ज्यादा कार्बनयुक्त धुआँ निकलता है। इससे चिरंगा गांव सहित आसपास के सभी गांव का वातावरण, पानी और हवा प्रदूषित हो जाएगी।

यदि ग्राम चिरंगा में एल्युमीना प्लांट स्थापित होता है तो इलाके में भविष्य में पीने के पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि हम इसी तरह से लगातार विरोध करते रहेंगे, जब तक हमारी मांग को पूरा नहीं किया जाएगा, हम जल-जंगल जमीन को बचाकर ही रहेंगे।

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