छत्तीसगढ़: बिजली का होगा मोबाइल जैसे प्री पेड पेमेंट, बिल नहीं आएगा, लगेंगे स्मार्ट मीटर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के 53 लाख 50 हजार बिजली उपभोक्ताओं के मीटर अगले कुछ सालों में बदल दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार के रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम को आज सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इसके तहत केंद्र सरकार सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से चर्चा के बाद सहमति

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने इस योजना को लागू करने की योजना पर चर्चा की। इस बैठक में बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा के ऊर्जा मंत्री और दमन-दीव के प्रशासक भी शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम को सैद्धांतिक सहमति दे दी।

31 दिसंबर 2021 तक मांगी रिपोर्ट

इसके तहत प्रदेश में बिजली के आधारभूत ढांचे को बढ़ाने के साथ ही इनके आधुनिकीकरण की कार्रवाई की जानी है। इस योजना में कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पेश करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 निर्धारित की गई है। इस योजना की अनुमानित लागत 9600 करोड़ रुपए है। इस योजना को मार्च 2025 तक पूरा किया जाना है।

निजी कंपनियों की भी एंट्री होगी

इस योजना के साथ बिजली वितरण क्षेत्र में निजी कंपनियों की भी एंट्री हो सकती है। उपभोक्ता को बिजली के लिए कंपनी चुनने का हक होगा। वह जितना रिचार्ज कराएगा, वह उतनी ही बिजली खर्च कर सकेगा। अगर कोई मीटर से छेड़छाड़ करता है तो कंपनी के पास अलर्ट मैसेज जाएगा जो कार्रवाई का आधार बनेगा।

बिजली का बिल ही नहीं आएगा

इन मीटरों के लग जाने के बाद उपभोक्ता के पास बिजली का बिल नहीं आएगा, क्योंकि रिचार्ज करने के नाते उसकी जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इसके बाद मैनुअल मीटर रीडिंग की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। कर्मचारी स्टेशन से ही साफ्टवेयर के जरिए आसानी से प्रत्येक घर की बिजली की खपत की गणना कर सकते हैं।

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