उच्च शिक्षा नीति एवं आदर्श व्यक्तित्व निर्माण विषय पर 12 घण्टों के अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का सफल आयोजन

रायपुर। छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत उच्च शिक्षा नीति एवं आदर्श व्यक्तित्व निर्माण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। प्रातः सात बजे से सायं सात बजे तक, बारह घंटे आयोजित इस वेबिनार में छत्तीसगढ़ के समस्त निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, कुलपति और कुलसचिव के साथ-साथ देश-विदेश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद और विद्वानों की सहभागिता रही। इस वेबिनार में छत्तीसगढ़ की सम्मांननीय राज्यपाल सुश्री अनसुइया उइके मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थी।

वेबीनार का संचालन नया रायपुर स्थित कलिंगा विश्वविद्यालय परिसर से किया गया। प्रथम चरण में ज्ञान और विद्या की देवी माँ सरस्वती की वंदना करने के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ल ने आदर्श व्यक्तित्व के निर्माण में उच्च शिक्षा नीति के महत्व के रेखांकित किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार की उपादेयता को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस वेबिनार में छत्तीसगढ़ के समस्त निजी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति और कुलसचिव उच्च शिक्षा नीति और विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों एवं अपने लक्ष्य का ब्यौरा देश-विदेश के प्रमुख शिक्षाविदों के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।उसके पश्चात सुप्रसिद्ध शिक्षाविदों के द्वारा मीमांसात्मक निर्देश एवं स्वविचार दिये जायेंगे।

उक्त अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में डॉ.सी.वी.रमन विश्वविद्यालय मैट्स विश्वविद्यालय, कलिंगा विश्वविद्यालय, आईसीएफएआई विश्वविद्यालय, आईटीएम विश्वविद्यालय, ओ.पी.जिंदल विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, आईएसबीएम विश्वविद्यालय, एएएफटी विश्वविद्यालय, श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय, के.के.मोदी विश्वविद्यालय, महर्षि विश्वविद्यालय, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल विश्वविद्यालय, भारती विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति और कुलसचिव ने अपने-अपने विश्वविद्यालय का परिचय कार्य और उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने उच्च शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के साथ-साथ अध्ययनरत विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण के कार्य पर प्रकाश डाला। सभी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने मनोहर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इन कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ कि लोक संस्कृति के साथ-साथ पुरे भारत की कला कि झलकियां प्रस्तुत कि गई।

इस वेबिनार में प्रत्येक विश्वविद्यालय के प्रस्तुतिकरण के पश्चात विभिन्न सुप्रसिद्ध शिक्षाविदों द्वारा मीमांसात्मक निर्देश भी दिया गया।

उक्त अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में मौलाना आजाद उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के पूर्व कुलपति प्रो. मोहम्मद मियां यूनिवर्सिटी ऑफ साईंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय के कुलपति डॉ.जी.डी.शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर के कुलपति प्रो. तलत मोहम्मद राजस्थान पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय राजस्थान के पूर्व कुलपति डॉ.ए.के. गहलोत पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय भटिंडा के कुलपति प्रो.आर.पी.तिवारी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति प्रो.राजाराम शुक्ल, श्री वेंकेटेश्वरा वैदिक विश्वविद्यालय, तिरुपति के कुलपति प्रो.के. ई. देवनाथन,उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी, देहरादून के पूर्व कुलपति डॉ.डी.एस.चैहान, लाल बहादुर शास्त्री केन्द्रीय विश्वविद्यालय नयी दिल्ली के कुलपति प्रो.रमेश कुमार पांडेय विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पांडेय अटल बिहारी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति डॉ. ए.डी.एन. बाजपेयी उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय देहरादून के कुलपति डॉ.देवी प्रसाद त्रिपाठी श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय केरल के पूर्व कुलपति डॉ. मुरली माधवन, भारतीय विश्वविद्यालय संघ नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रो.पी.बी.शर्मा ने छत्तीसगढ़ के सभी निजी विश्वविद्यालयों की उपलब्धियों एवं कार्यों को सुनने के उपरांत मीमांसात्मक निर्देश दिये।

अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में विशेष आमंत्रित सदस्यों में देश के शीर्षस्थ शिक्षाविद और विद्वान वल्र्ड इनवायरमेंट काउंसिल सोलापुर, महाराष्ट्र के संस्थापक प्रो. गणेश चन्ना, राजभवन कालाकांकर उ.प्र. की राजकुमारी रत्ना सिंह, त्रिचूर, केरल की सुप्रसिद्ध मूर्धन्य विदूषी डॉ.पी.इंदिरा उपस्थित थीं। उक्त वेबिनार में सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद त्रिपाठी, भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी और सुप्रसिद्ध विद्वान डॉ.सुशील त्रिवेदी और वरिष्ठ आईएएस और प्रमुख सचिव श्री जितेंद्र कुमार ने समस्त उपस्थित विद्वान प्रतिभागियों के समक्ष महत्वपूर्ण उद्बोधन दिया।

वेबीनार में शिक्षाविदों द्वारा उच्च गुणवत्ता हेतु विभिन्न सुझाव दिये गये जिसमें निम्न प्रमुख है:-

विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रम में शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान का होना आवश्यक है। यह अनुसंधान प्रदेश अथवा देश की आवश्यकताओं के अनुरूप ही होना चाहीए। अनुसंधान कार्यक्रम के बिना कोई भी विश्वविद्यालय श्रेष्ठ अथवा विश्वस्तर का नहीं बन सकता है।

विश्वविद्यालयों में बहुविषयक एवं विषयों के चयन की स्वतंत्रता नई शिक्षा नीति का महत्वपूर्ण बिंदु है। नई शिक्षा नीति भारत वर्ष को उच्च शिक्षा के वैश्विक स्तर पर स्थापित करने तथा भारत को पुनः विश्वगुरू बनाये जाने के उद्देश्य से तैयार की गई है।

देश एवं विदेश के हर विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु खेल-कूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आवश्यक है।

इस अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में छत्तीसगढ़ की सम्माननीय राज्यपाल सुश्री अनसुइया उइके ने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग (छत्तीसगढ़ शासन) के द्वारा स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत श्उच्च शिक्षा नीति एवं आदर्श व्यक्तित्व निर्माण विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन उच्च शिक्षण संस्थाओं के लिए प्रेरक और लाभदायक सिद्ध होगा।उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दिया। उच्च शिक्षा नीति का महत्वपूर्ण उद्देश्य विद्यार्थियों का व्यक्तित्व निर्माण है।जिससे वह समाज और देश की सेवा कर सकें।

अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का संचालन छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अकादमिक सदस्य डॉ. उमेश कुमार मिश्र ने किया। आयोग की प्रशासनिक सदस्य श्रीमती रेणु देशमुख ने आभार व्यक्त किया। आयोग की सचिव डॉ. मनीषा शुक्ल ने परिपूर्णता परिवचन प्रस्तुत किया। उक्त आयोजन में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थें।

12 घण्टों के इस वेबीनार द्वारा गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में एक नया किर्तिमान स्थापित हुआ। इस किर्तिमान के सत्यापन के लिए गोल्डन बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड की छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि श्रीमति सोनल शर्मा पुरे 12 घण्टों तक कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रहीं तथा उनके सत्यापन के उपरान्त दिल्ली से गोल्डन बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड से भारत के प्रमुख श्री आलोक कुमार द्वारा कार्यक्रम के समापन पर इस प्रकार का नया विश्व किर्तिमान स्थापित होने की मान्यता प्रदान की गई। सभी विश्वविद्यालयों ने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के इस पहल की भरपुर प्रशंसा की।

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