मजदूरों से भरी बस पकड़ाई, संसदीय सचिव का आरोप- यूपी में चुनाव प्रभावित करने भाजपा करा रही है पलायन
मजदूरों से भरी बस पकड़ाई, संसदीय सचिव का आरोप- यूपी में चुनाव प्रभावित करने भाजपा करा रही है पलायन

महासमुंद। इस जिले से मजदूरो का पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला जिले के पटेवा थानाक्षेत्र में सामनेआया है, जहां 130 मजदूरों से भरी बस इन्हें लेकर यूपी के इलाहाबाद जा रही थी, जिसे पटेवा पुलिस ने एन एच 53 पर थाने के पास रोका, तब मामले का खुलासा हुआ।
इस पूरे मामले मे जहां महासमुंद के विधायक व संसदीय सचिव का कहना है कि मजदूर दलाल भाजपा से मिली भगत करके यूपी चुनाव को प्रभावित करने के लिए इन लोगो का पलायन करा रहे हैं, वहीं पुलिस एवं श्रम विभाग रटारटाया राग अलाप रहे है।

मजदूरों को सपरिवार लेकर जा रहे हैं दलाल

बस मे बैठे मजदूर एवं छोटे मासूम छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से पलायन कर यूपी में ईंट भट्ठे पर काम करने जा रहे हैं। पुष्पराज ट्रेवल्स की यूपी पासिंग की बस में जिले के पिथौरा, पटेवा, खट्टा, जलकी आदि गांव के 100 मजदूर एवं 30 बच्चे यूपी के प्रयागराज जा रहे हैं, जिन्हे जे के गुप्ता, नन्दू मोहंती नामक मजदूर दलाल एक-एक मजदूर को 20 हजार रुपये से लेकर 1 -लाख रुपये तक एडवांस दे कर यहां से यूपी ले जा रहे थे।

यूपी चुनाव प्रभावित करने का भाजपा का षड्यंत्र

मजदूरों के पलायन की खबर सुनकर यहां पहुंचे महासमुंद विधायक व संसदीय सचिव विनोद चन्द्राकर ने मामले को गंभीरता से लेते हुवे कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने के लिए श्रम विभाग के अधिकारियों और पुलिस को निर्देश दिया।
वहीं उन्होंने मीडिया के समक्ष आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूर दलाल भाजपा के नेताओं से मिली भगत कर यूपी चुनाव को प्रभावित करने के लिए यहां के मजदूरो का पलायन करा रहे है। उनके मुताबिक ऐन चुनाव के पूर्व इन मजदूरों को यहां से ले जाया जा रहा है, वहां भाजपा के लोग इनके वोटर आईडी बनवाएंगे और चुनाव में अपने पक्ष में वोट कराएँगे।

पिछले वर्ष लौटे थे 34 हजार मजदूर

महासमुंद जिले के श्रम अधिकारी देवेन्द्र राजपूत ने बताया कि जिले मे 25 दलालों को यूपी व अन्य प्रदेशो मे मजदूरो को ले जाने का लांइसेंस प्राप्त है, मगर यह जाँच का विषय है कि जो दलाल मजदूरों को लेकर जा रहा था उसके पास लायसेंस है या नहीं और उसे किन शर्तों के तहत लायसेंस दिया गया है।
श्रम अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में 37 हजार मजदूर लाॅकडाउन लगने पर महासमुंद वापस लौटे थे। साल का यही समय होता है जब दलाल मजदूरों को एडवांस में रुपये देकर पलायन कराते हैं। आरोप है कि श्रम विभाग के अधिकारी सब जानकारी होने के बावजूद कुभकंर्णी नींद मे सोये रहते हैं और जब समाज सेवक एवं पुलिस मजदूरों को पकड़कर श्रम विभाग को सूचना देते हैं, तब विभाग की नींद खुलती है और वे कार्यवाही का राग अलापते हैं।