नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 2021 यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस यानी COP26 बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि पर्यावरण संबंधी नीतियों को स्कूल के सिलेबस में भी शामिल किया जाना चाहिए, जिससे अगली पीढ़ी भी इस चुनौती से बेहतर तरीके से वाकिफ हो सके।

साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यावरण संबंधी नीतियों में अब तक एडाप्टेशन यानी अनुकूलन पर सही तरीके से जोर नहीं दिया गया है। अनुकूलन को पारंपरिक समुदाय कहीं बेहतर ढंग से समझते हैं।

बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इजरायली समकक्ष नफ्ताली बेनेट ने मुलाकात की. पदभार ग्रहण करने के बाद बेनेट की पीएम मोदी से ये पहली व्यक्तिगत मुलाकात है. पीएम मोदी ने सम्मेलन से इतर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की।

आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान क्या खास बातें कहीं…

पीएम मोदी ने सीओपी-26 सम्मेलन में कहा, “भारत सहित ज्यादातर विकासशील देशों के कृषि क्षेत्र के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती है। पेयजल के स्रोतों से लेकर वहनीय आवास तक, सभी को जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सहन करने के अनुकूल बनाने की जरूरत है और इसीलिए जलवायु परिवर्तन अनुकूलन नीति को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की जरूरत है ताकि अगली पीढ़ी इस मुद्दे के प्रति जागरूक हो।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीओपी26 में कहा, “हमें अनुकूलन को अपनी विकास नीतियों और योजनाओं का मुख्य भाग बनाना है. भारत में ‘नल से जल’, स्वच्छ भारत मिशन और उज्ज्वला जैसी योजनाओं ने न केवल हमारे नागरिकों को लाभ पहुंचाया है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया है.” उन्होंने आगे कहा, “कई पारंपरिक समुदायों को प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की जानकारी है. स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल जीवन शैली का संरक्षण भी इसे अपनाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।”

पीएम मोदी ने अगली पीढ़ी को भी पर्यावरण की चुनौतियों से अवगत कराने के लिए नीतियों को स्कूल सिलेबस में शामिल करने की वकालत की है. उन्होंने पेय जल के स्रोतों से लेकर अफोर्डेबेल हाउसिंग तक, सारी चीजों को पर्यावरण के हिसाब से ही तैयार करना होगा।

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का पक्ष मजबूती से रखा है. भारत सरकार की योजनाओं का जिक्र कर उन्होंने वैश्विक मंच पर बताया है कि भारत किस तरीके से क्लाइमेंट चेंज से उपजे हालातों से लड़ने की कोशिश कर रहा है.
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, “हम एक बढ़ती हुई आपदा में हैं, मेरा मानना ​​है कि न केवल अमेरिका के लिए बल्कि हम सभी के लिए यह शिखर सम्मेलन एक अविश्वसनीय अवसर है. हम विश्व इतिहास के एक मोड़ पर खड़े हैं। ”

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर

Trusted by https://ethereumcode.net