चंगाई सभा के नाम पर धर्मान्तरण का प्रयास, पादरी समेत 2 के खिलाफ पुलिस ने किया जुर्म दर्ज
चंगाई सभा के नाम पर धर्मान्तरण का प्रयास, पादरी समेत 2 के खिलाफ पुलिस ने किया जुर्म दर्ज

अंबिकापुर। यहां की मणिपुर चौकी पुलिस ने चंगाई सभा के नाम पर लोगों की गंभीर से गंभीर बीमारी ठीक कर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश करने वाले पादरी सहित दो लोगो पर अपराध दर्ज किया है। यहां बिलासपुर से आए एक व्यक्ति द्वारा प्रशासन से बिना अनुमति लिए चंगाई सभा का आयोजन किया जा रहा था, जिसके विरूद्ध पुलिस ने छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।

अंबिकापुर शहर से लगे गांव उदयपुर ढाब में पिछले दो दिनों से अनिल किस्पोट्टा नामक ग्रामीण के घर पर आस पास के गांव से ग्रामीण महिला-पुरूषों को बुलाकर उन्हें स्वस्थ्य रखने के लिए चंगाई सभा के नाम पर इसाई धर्म का प्रचार किया जा रहा था। इस काम के लिए बिलासपुर से एक पादरी सालवेशन मिंज को बुलाया गया था।

स्वास्थ्य लाभ के नाम पर मतान्तर का प्रयास

आस पास के कुछ अन्य ग्रामीण जब इस सभा में पहुंचे तो सभा में स्वास्थ्य लाभ के नाम पर इसाई धर्म का प्रचार करते हुए लोगों को इसाई धर्म अपनाने के लिए लालच दिया जाने लगा। उन्हें यह झूठा दिलासा दिया जा रहा था कि प्राथर्ना करने से उनके सारे रोग व कष्ट दूर हो जाएंगे। इस दौरान लोगों को गंभीर बीमारियों के भी ठीक हो जाने का दावा किया जा रहा था।
इसकी जानकारी मिलने पर विश्व हिन्दू परिषद और भाजयुमों के नेता उदयपुर ढाब पहुंचे और धर्म प्रचार करने वालों से पूछताछ की। बिना शासकीय अनुमति के कोरोना काल में इस प्रकार से भीड़ जुटाने पर जब आयोजकों से सवाल किया गया तो वे बगलें झांकते नजर आए।

किस तरह दिग्भ्रमित हुए ग्रामीण..?

ग्रामीण इस चंगाई सभा से इस कदर प्रभावित थे कि मौके पर पहुंची महिला पुलिस अधिकारी ने जब इनसे सवाल पूछा तब एक ग्रामीण महिला ने जोर देकर कहा कि इस आयोजन से उनकी बीमारियां दूर हो रही हैं, महिला ने अपने हाथ में रखे बाइबिल को दिखाते हुए कहा कि इससे हमारी बीमारी ठीक होती है। मौके पर पहुंचे ASP विवेक शुक्ला ने भी पादरी साल्वेशन मिंज और ग्रामीणों से पूछताछ की, जब यह तय हो गया कि भोले-भले ग्रामीणों को सभा के नाम पर दिग्भ्रमित करते हुए धर्मान्तरण का प्रयास किया जा रहा है, तब उन्होंने पादरी साल्वेशन मिंज और आयोजक अनिल किस्पोट्टा को थाने चलने को कहा।

कार्रवाई का ग्रामीणों ने किया विरोध

पुलिस द्वारा जब पादरी और एक ग्रामीण को थाने ले जाया जाने लगा तब ग्रामीणों ने विरोध कर दिया। मामला बिगड़ता देख ASP विवेक शुक्ला ने इन्हे समझाइश दी और कहा कि कानून के तहत ही कार्रवाई होगी। उन्हें जोर देकर कहना पड़ा कि आप भड़काने वाला काम न करें। बाद में इन दोनों के खिलाफ पुलिस ने छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया।

जोर पकड़ रहा है धर्मान्तरण का मुद्दा

गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से छत्तीसगढ़ में धर्मान्तरण के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। भाजपा और संघ से जुड़े संगठन धर्मान्तरण के मामले में राजधानी सहित पूरे प्रदेश में प्रदर्शन भी कर चुके हैं। भाजपा का आरोप है कि सरकार इस तरह के मामलों को गंभीरता से नहीं ले रही है। हालांकि अंबिकापुर के इस गांव में पुलिस ने ग्रामीणों द्वारा चंगाई सभा के नाम पर धर्म प्रचार कर धर्म परिवर्तन के लिए लालच देकर उकसाने का आरोप लगाए जाने के बाद आरोपी फादर और सभा के आयोजक के खिलाफ छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2004 के तहत अपराध दर्ज करते हुए कार्रवाई की है।

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