Congress Said BJP's Agitation On PSC Flopped - कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को बताया बेबुनियाद
Congress Said BJP's Agitation On PSC Flopped - कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को बताया बेबुनियाद

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भाजपा कार्यसमिति की बैठक में हुई चर्चा के एजेंडे से एक बार फिर से साबित हो गया कि भाजपा किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्य समिति से छत्तीसगढ़ के किसानों को अपेक्षा थी कि कार्य समिति में भाजपा प्रस्ताव पारित करके  केंद्र सरकार से किसानों के हित में राज्य से उसना लेने पर प्रतिबंध हटाने और राज्य को पर्याप्त बारदाना देने की मांग करेगी। दुर्भाग्य से भारतीय जनता पार्टी की कार्य समिति ने ऐसा कुछ भी नही किया। छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेता पुरंदेश्वरी के डर के मारे सिर्फ मोदी पुराण का ही गुणगान करते रहे।

छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा मुद्दा धान खरीदी का

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ के किसानों का सबसे बड़ा मसला धान की खरीदी है। राज्य सरकार 1 दिसम्बर से 105 लाख मीट्रिक टन रिकार्ड धान की खरीदी करने जा रही है। केंद्र सरकार ने इस वर्ष छत्तीसगढ़ से 61.5 लाख मीट्रिक टन सेंट्रल पुल में चावल लेने की सहमति दी है, केंद्र ने राज्य से इस वर्ष उसना चावल नही लेने का फरमान सुनाया है, जबकि छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाले कुल धान में से लगभग चालीस प्रतिशत धान से सिर्फ उसना चावल ही बनाया जा सकता है।

प्रदेश में उसना चावल के 600 राइस मिल…

राज्य की लगभग 600 राइस मिल ऐसी है जो सिर्फ उसना चावल ही बनाती हैं, अगर केंद्र ने उसना चावल नहीं ख़रीदा तो यह मिलें बन्द हो जाएंगी और उनमें काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे। केंद्र के उसना चावल न लेने के आदेश के बाद राज्य को दी गई सहमति में से लगभग 24 लाख मीट्रिक टन चावल को केंद्र ने लेने से अप्रत्यक्ष तौर मना ही कर दिया है। भाजपा कार्य समिति ने इस पर केंद्र से मांग न करके किसानों से धोखा किया।

धान की कीमत 2800 रूपये करने की मांग राज्य से मगर…

प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के नेता धान का समर्थन मूल्य 2800 रु. करने की मांग राज्य सरकार से करते हैं, मगर पार्टी ने अपनी कार्य समिति की बैठक में धान का समर्थन मूल्य 2800 करने का प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार के पास क्यों नही भेजा ? भाजपा कार्यसमिति की बैठक में भाजपा के तमाम राष्ट्रीय और राज्य के कद्दावर नेता और सांसद उपस्थित थे, यदि यह प्रस्ताव जाता तो निश्चित ही मोदी सरकार इस पर कुछ निर्णय लेने को मजबूर होती। भाजपा नेता दिखावे के लिए किसानों के हित मे कोरी बयान बाजी करते हैं, लेकिन पार्टी के मंच से मांग करने से क्यों डरते हैं। डॉ रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, विष्णुदेव साय, बृजमोहन अग्रवाल सबकी बोलती वहां क्यो बन्द हो जाती है ? जबकि कृषि उपजों का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार तय करती है।
इसी तरह बारदाना मुहैया करने में भी केंद्र सरकार द्वारा पक्षपात किया जा रहा है, इस मुद्दे पर भी भाजपा को केंद्र को प्रस्ताव भेजना चाहिए।

डॉ रमन ने ये कहकर झाड़ा पल्ला

भाजपा की प्रेसवार्ता में उसना चावल केंद्र द्वारा नहीं लिए जाने संबंधी सवाल पूछे जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि राज्य और केंद्र के बीच छोटी-मोटी बातें होती रहती हैं। उन्होंने उलटे ही राज्य सरकार को यह सलाह दे दी कि इन्हें जाकर रिक्वेस्ट करना चाहिए, ये केंद्र के नीतिगत फैसले हैं। इस पर केंद्र निर्णय लेती है। इस तरह डॉ रमन ने केंद्र द्वारा उसना चावल नहीं लेने को छोटी-मोती बात बताकर किनारा कर लिया।

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