मिसाल : शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति सेना में बनीं अफसर, कहा- बहादुर महिलाओं के लिए मैं जन्म के लिए नहीं, बल्कि कर्म के लिए मां बनना चाहती हूं
मिसाल : शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति सेना में बनीं अफसर, कहा- बहादुर महिलाओं के लिए मैं जन्म के लिए नहीं, बल्कि कर्म के लिए मां बनना चाहती हूं

नई दिल्‍ली। देश की सुरक्षा के लिए जहां बॉर्डर परसेना के जवान अपनी जान की परवाह किए बगैर डटे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी मां, पत्‍नी और बहनें वीरों की ताकत बनी हुई हैं। कई ऐसी भी महिलाएं हैं जो तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे अपने पति की शहादत का दर्द पीछे छोड़ साहस की नई इबारत लिखने को तैयार हैं। इन्ही में से एक 2018 में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में घायल होने के बाद शहीद हुए दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल है,पति की शाहदत के बाद अब ज्योति ने भी देश सेवा के लिए कदम बढ़ते हुए यह बड़ा फैसला लिया था।

आज ज्योति भारतीय सेना अधिकारी बन गई। नवनियुक्त भारतीय सेना अधिकारी ज्योति नैनवाल के दो बच्चे भी हैं। शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से वह पास आउट हुईं और सेना में शामिल हुईं। इस दौरान उनके दोनों बच्चे भी पीओपी में मौजूद रहे। इस मौके पर ज्‍योति नैनवाल ने अपने पति की शहादत को याद किया।

पति की शहादत को याद कर देश सेवा की राह चुनी

इस मौके पर ज्योति नैनवाल ने कहा कि मैं अपने पति की रेजीमेंट को धन्यवाद देना चाहती हूं। वह हर कदम पर मेरे साथ खड़ी रही और मुझे बेटी की तरह मानती है। बहादुर महिलाओं के लिए मैं जन्म के लिए नहीं, बल्कि कर्म के लिए मां बनना चाहती हूं और मैं जैसे जीवन व्यतीत करुंगी, वह मेरे बच्चों के लिए एक उपहार होगा। शहीद दीपक नैनवाल की एक बेटी लावण्या और एक बेटा रेयांश है। लावण्या कक्षा चार में पढ़ती है और रेयांश कक्षा एक में पढ़ता है। मां के सेना में अफसर बनने पर रेयांश को गर्व है और वह भी आगे चलकर फौजी बनकर देश सेवा करना चाहता है।

दुख के आगे भी एक दुनिया

बता दें कि देहरादून के हर्रावाल निवासी नायक दीपक नैनवाल दस अप्रैल 2018 को जम्‍मू-कश्‍मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में घायल हो गए थे। दीपक को तीन गोलियां लगी थीं। दीपक एक महीने तक जिंदगी की जंग लड़ते रहे और घर वालों को हमेशा तसल्‍ली देते रहे कि वह वापस घर आएंगे। हालांकि 20 मई 2018 को वह जिंदगी की जंग हार गए। शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल जानती थीं कि इस दुख के आगे भी एक दुनिया है। ऐसे में उन्होंने अपने लिए एक नई राह चुनी और पति की ही तरह देश सेवा का संकल्प लिया।

देश सेवा से जुड़ी हैं तीन पीढ़ियां

दीपक नैनवाल के परिवार की तीन पीढ़ियां देश सेवा से जुड़ी हुई हैं। दीपक के पिता चक्रधर नैनवाल सेना से रिटायर्ड हैं। उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध, कारगिल युद्ध व कई अन्य ऑपरेशंस में हिस्सा लिया है। उनके पिता व दीपक के दादा सुरेशानंद नैनवाल भी स्वतंत्रता सेनानी थे।

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