नई दिल्ली : संसद के दोनो सदनों में आज शीतकालीन सत्र की शुरूआत हुई। लेकिन पहले ही घण्टे में हुए जमकर हंगामे और विपक्षी सांसदों के नारेबाजी के बाद लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे प्रारंभ हुई थी। जिसके तुरंत बाद सदन में फिर से हंगामा होने लगा। परिणाम स्वरूप लोकसभा की कार्यवाही को एक बार फिर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया है।

संसद में सत्र प्रारंभ होने से पहले प्रधानमंत्री ने एक संदेश भी दिया, जिसमें उन्होंने 3 बिंदुओं पर ज़ोर दिया :-

  1. प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने देखा कि पिछले दिनों संविधान दिवस पर संविधान की आत्मा को चरितार्थ करने के लिए सभी के दायित्व के संबंध में पूरे देश ने संकल्प किया है। इन सबको देखते हुए हम चाहेंगे, देश भी चाहेगा, हर नागरिक चाहेगा कि ये संसद सत्र और आगे आने वाला सत्र आजादी के दीवानों की भावना और अमृत महोत्सव की भावना के लिहाज से संसद भी देश हित में चर्चा करे।”
  2. प्रधानमंत्री ने कहा कि “आशा करता हूं कि भविष्य में संसद को कैसा चलाया, कितना अच्छा योगदान किया इस तराजू पर तौला जाए। किसने कितना जोर लगाकर संसद को रोका, ये मानदंड नहीं होगा। ये मानदंड होगा कि संसद में कितने घंटे काम हुआ। सरकार हर मुद्दे पर चर्चा और सवाल का जवाब देने को तैयार है। संसद में सवाल भी हो और शांति भी हो।”
  3. प्रधानमंत्री ने कहा “सरकार के विरुद्ध, नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए वो हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, चेयर की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें, जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए।”

आज कृषि कानूनों की वापसी का बिल पेश करेगी सरकार

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। आज पहले ही दिन केन्द्र सरकार कृषि कानूनों की वापसी का बिल संसद में पेश करेगी। लोकसभा में प्रस्ताव पास हो जाने के बाद इस बिल को आज ही राज्यसभा में भी प्रस्तुत किया जा सकता है। हालांकि, विपक्ष कृषि कानूनों पर बहस करने की मांग पर अड़ा हुआ है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया धरना

संसद की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद सदन के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित कर दिया। इसके बाद कृषि कानूनों की वापसी को लेकर कांग्रेस ने संसद परिसर में ही धरना दिया। इस धरने में कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्षा सोनिया गांधी और सांसद राहुल सहित पार्टी के कई नेता शामिल हुए।

वहीं टीएमसी के नेताओं ने कृषि कानूनों पर बहस की मांग को लेकर संसद परिसर में धरने पर रहे।

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