डिजिटल करेंसी को लेकर क्या है सरकार की तैयारी, वित्त मंत्री ने दी पूरी जानकारी

टीआरपी डेस्क। सोमवार 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ और स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत में बिटकॉइन को करेंसी के रूप में मान्यता देने का सरकार का कोई इरादा नहीं है।

वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि सरकार देश में बिटकॉइन एक्सचेंज के जरिए हो रही लेनदेन का कोई डेटा नहीं रखती। अगले साल लॉन्च हो सकती है भारत की डिजिटल करेंसी। सरकार संसद के मौजूदा सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बिल पेश कर सकती है। जिसमें प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने और सिर्फ RBI द्वारा जारी किए गए डिजिटल करेंसी को मान्यता देने की बात कही जा रही है।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन करने के लिए कहा गया था। इस प्रस्ताव में डिजिटल करेंसी को मान्यता देने के लिए बैंक नोट की परिभाषा के दायरे को बढ़ाने की बात कही गई थी।

दरअसल, आरबीआई की इच्छा है कि भारत में डिजिटल करेंसी को भी बैंक नोट की परिभाषा में शामिल करके इसे डिजिटल रुपये के रूप में मान्यता दी जाए।

भारत में तेजी से बढ़ रहा है क्रिप्टोकरेंसी का बाजार

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से बढ़ा है। देश के करीब 6 करोड़ लोग क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा चुके हैं। इसके अलावा क्रिप्टो की तरफ आकर्षित होने वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने से पहले लोगों के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इन्ही में से एक सवाल क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स से जुड़ा हुआ भी है।

जानिए डिजिटल करेंसी के बारे में…

डिजिटल करेंसी को आप आप छू नहीं सकते हो। इसे सिर्फ डिडिटल फॉर्म में ही रखा जाता हैं। इसे, दूसरे लोगों के पास भेजने के लिए ज्यादा मशकत नहीं करनी पड़ती। जी हां, अभी आपको अगर अपने किसी रिश्तेदार या किसी दोस्त को विदेश में पैसे भेजने है तो बैंक और कई संस्थाएं इसके लिए आपसे मोटी रकम वसूलते है। साथ ही, एक से दो दिन का समय लगाती है। इसके उलट डिजिटल करेंसी कुछ ही मिनटों में ट्रांसफर हो जाती हैं।

आम करेंसी (मुद्रा) जैसे Dollar, Rupee, Euro में सबसे बड़ा अंतर यह है. कि आम करेंसी सरकार और बैंक के कंट्रोल में होती है. सरकार जब चाहे उतनी करेंसी को छाप सकती है जिसके कारण महंगाई बढती है. और सरकार चाहे तो किसी के अकाउंट को फ्रीज़ भी कर सकती है बिना उस पैसे के मालिक के बिना Bitcoin को कोई कंट्रोल नहीं करता ना ही बैंक ना ही कोई सरकार यह Decentralized है. आपके बिटकॉइन को आपके सिवा कोई कंट्रोल नही कर सकता.