एक गांव, जो मगरमच्छों से है परेशान, गांव के तालाब में घुसकर खा जाते हैं मछलियों को, जाल में फंसे तो किया वन विभाग के हवाले
एक गांव, जो मगरमच्छों से है परेशान, गांव के तालाब में घुसकर खा जाते हैं मछलियों को, जाल में फंसे तो किया वन विभाग के हवाले

बिलासपुर। जिले के खूंटाघाट जलाशय में रहने वाले मगरमच्छ अक्सर यहां से निकलकर आसपास के गांवों में पहुँच जाते हैं , जिन्हे पकड़कर दोबारा खूंटाघाट में डाल दिया जाता है, मगर एक ऐसा गांव भी है जहां के तालाब में मगरमच्छो ने डेरा डाल दिया है, इन्हीं में से 3 मगरमच्छ आज मछली पकड़ते समय जाल में फंस गए।

मछली पालन करने वाले को हो रहा है नुकसान

रतनपुर के पास ग्राम खैरखुँडी में रमेश राजपूत ने लगभग 6 साल पहले अपने ही गांव के तालाब को मछली पालन के लिए समूह के माध्यम से ठेके पर लिया था। मगर तभी इस तालाब में मगरमच्छो ने डेरा जमा लिया। इसके चलते रमेश को को मछली पालन में बहुत परेशानी हो रही है, क्योंकि मगरमच्छ तालाब की मछलियों को अपना शिकार बना लेते हैं।

वन विभाग का नहीं मिला सहयोग

रमेश बताता है कि वह बीते चार-पांच साल से वह वन विभाग को आवेदन देकर मगरमच्छों से निजात दिलाने की गुहार लगा रहा है, पर आज तक विभाग के रेंजर ने उसकी एक न सुनी। वन विभाग ने मगरमच्छों को ना तो पकड़ा, और ना ही होने वाले नुकसान का मुआवजा दिया।

ग्रामीण खुद ही पकडने लगे मगरमच्छों को

जब वन विभाग ने कोई पहल नहीं की तब ग्रामीणों ने इन्हे खुद ही पकड़ना शुरू किया। इससे पूर्व ग्रामीण 4 से 5 मगरमच्छों को पकड़कर वन विभाग के हवाले कर चुके हैं। ग्रामीण बताते हैं कि आज तालाब में जाल से मछली मारते वक्त 3 मगरमच्छ जाल में फंस गए, जिन्हें पकड़कर ग्रामीणों ने रस्सी से बांधा और तालाब से बाहर निकाले। इसकी सूचना वन विभाग को दिए जाने के बाद रेंजर श्रवण कुर्राम अपनी टीम के साथ यहां पहुंचे और तीनों मगरमच्छो को गाड़ी में डाल कर खूंटाघाट डेम में ले गए। यहां जलाशय में मगरमच्छों को छोड़ दिया गया। ग्रामीण बताते हैं कि इस तालाब में अब भी 3 – 4 मगरमच्छ बचे हुए हैं, जिनसे खतरा बना हुआ है।

गौरतलब है कि बारिश में जल भराव के दौरान मगरमच्छ बहकर नदी-नालों के माध्यम से तालाबों में पहुँच जाते हैं, बताते हैं कि इलाके के अनेक तालाबों में आज भी मगरमच्छों का डेरा है। हालांकि इन्होने अब तक किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया है, मगर लोग वैसे भी मगरमच्छ का नाम सुनकर डर जाते हैं। लोग तालाब में नहाना छोड़ देते हैं, और उसके आसपास भी नहीं फटकते, क्योंकि मगरमच्छ अक्सर पानी से निकलकर आसपास टहलते भी रहते हैं। कायदे से वन-विभाग को इन मगरमच्छो को पकड़ कर लोगों को इस समस्या से निजात दिलानी चाहिए।

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