किसानों के मुद्दे पर संघर्ष के लिए एकजुट हुए छत्तीसगढ़ के संगठन, 8 जनवरी को राजधानी में होगा किसानों का जंगी प्रदर्शन
किसानों के मुद्दे पर संघर्ष के लिए एकजुट हुए छत्तीसगढ़ के संगठन, 8 जनवरी को राजधानी में होगा किसानों का जंगी प्रदर्शन

रायपुर। दिल्ली में हुए ऐतिहासिक किसान आंदोलन के ख़त्म होने के बाद जिस तरह राष्ट्रीय संगठन ने दूसरे मुद्दों पर भी संघर्ष जारी रखने का फैसला किया है, उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ के किसान संगठनों ने भी राज्य स्तरीय मुद्दों को लेकर आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में राजधानी में आगामी 8 जनवरी को किसानों का राज्य स्तरीय प्रदर्शन होगा, जिसमे प्रदेश सरकार को उनके वायदे याद दिलाये जायेंगे।

केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस करवाना किसानों की बहुत बड़ी जीत मानी जा रही है। यही वजह है कि इससे किसान संगठन भी काफी उत्साहित हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के तर्ज पर काम करने के लिए छत्तीसगढ़ के किसान संगठनों ने भी एकजुट होकर एक बैठक का आयोजन रायपुर के कलेक्ट्रेट गार्डन में किया, जिसमे अलग-अलग संगठनों के किसान नेता शामिल हुए। यहां किसानों से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

राज्य सरकार ने नहीं निभाए अनेक वादे

बैठक में मौजूद छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राजकुमार गुप्त ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के दौरान किसानो के हित में 22 वायदे किये थे, मगर इनमे से कुछ को छोड़कर बाकि वायदों का कुछ भी पता नहींहै। छत्तीसगढ़ के किसान 8 जनवरी को “वादा निभाओ आंदोलन करके सरकार द्वारा किये गए वायदों की याद दिलाएंगे।

MSP की गारंटी का कानून लागू करें

किसान संगठन AIKKS के तेजराम विद्रोही ने बताया कि किसानो के काफी मुद्दे हैं जिनको लेकर काम करने की जरुरत है। वर्तमान में समर्थन मूल्य याने MSP की गारंटी प्रमुख है। कृषि उपज मंडी अधिनियम में इसका प्रावधान है जिसे सरकार को लागू करना चाहिए। सरकार कृषि उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी का नियम लागू करे, साथ ही APMC की मंडियों को व्यवस्थित किया जाये।

बंद जूट मिल को किया जाये प्रारम्भ

बैठक में उपस्थित छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के प्रमुख जनक लाल ठाकुर ने बताय कि वे छत्तीसगढ़ सरकार के समक्ष यहां के बंद पड़े जूट मिल को फिर से चालू करने की मांग करेंगे, इससे बारदानों की कमी को लकर हो रहा झगड़ा भी बंद हो जायेगा। इसके अलावा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में रमन सरकार के दो वर्ष के बकाया बोनस के भुगतान का वादा भी किया था, लेकिन इस बोनस का कोई भी अता-पता नहीं है। अन्य कई घोषणाएं भी हैं जिनके पूरा होने की किसान अब भी उम्मीद लगाए हुए हैं।

किसान संगठनो की इस बैठक में यह तय किया गया कि 8 जनवरी को राजधानी रायपुर के मोती बाग में प्रदेश भर के किसान एकत्र होंगे, और प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे। किसान नेता इस दौरान सरकार द्वारा घोषणा पत्र में किसानो के लिए किये गए वायदों को पूरा करने की मांग पुरजोर ढंग से उठाएंगे।
इस बैठक में जिला किसान संघ बालोद, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा, प्रगतिशील किसान संगठन दुर्ग, छत्तीसगढ़ किसान महासभा, कृषक बिरादरी, नदी घाटी मोर्चा, किसान भुगतान संघर्ष समिति महासमुंद, आदिवासी भारत महासभा, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा सहित छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के घटक संगठन के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित रहे।

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