मुकुल

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को दोबारा जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। रोहतगी एक अक्टूबर से अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्यभार लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। मौजूदा एजी के के वेणुगोपाल ने 30 सितंबर के बाद शीर्ष कानून अधिकारी के पद पर बने रहने की अनिच्छा व्यक्त की थी। वेणुगोपाल ने जून 2017 में रोहतगी की जगह एजी के रूप में कार्यभार संभाला था। उस वक्त इनका कार्यकाल तीन साल का था, इसके बाद केंद्र सरकार ने इनका कार्यकाल दो साल और बढ़ा दिया था।

तत्कालीन वित्त मंत्री और दिवंगत अरुण जेटली के करीबी दोस्त रोहतगी को 2014 में शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। उसी साल नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने यूपीए को हरा दिया था, जिसने 2004 से लगातार दो बार केंद्र में सरकार बनाई थी। हालांकि, रोहतगी ने सरकार के मूड को भांपते हुए जून के दूसरे सप्ताह में एजी के पद से अपना इस्तीफा भेज दिया था और निजी प्रैक्टिस करने लगे थे।

30 सितंबर को रिटायर होंगे वेणुगोपाल

90 वर्षीय वेणुगोपाल जिन्हें मोदी सरकार में तीन साल के कार्यकाल से दो साल का विस्तार दिया गया था। वो बार-बार पद पर बने रहने के लिए अपनी अनिच्छा व्यक्त करते रहे हैं। आखिरकार वह सरकार को एक नए चेहरे की तलाश करने की अनुमति देने के लिए 30 सितंबर तक तीन महीने के विस्तार के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन विकल्पों को देखते हुए भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल के रूप में मुकुल रोहतगी ही सबसे बेस्ट लगे।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर