रायपुर। आज सोमवार 13 दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र का पहला दिन दिवंगत सैन्य कर्मियों और नेताओं की स्मृतियों के नाम रहा। सदन ने हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों के साथ मानसून सत्र से इस सत्र के बीच दिवंगत हुए जनप्रतिनिधियों और पूर्व सांसदो-विधायकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सत्र की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सुबह सभागार में पहुंचते ही विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को जन्मदिन की बधाई दी। औपचारिक शुरुआत के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह, पूर्व सांसद गोंदिल प्रसाद अनुरागी, पूर्व मंत्री राजिंदर पाल सिंह भाटिया, पूर्व संसदीय सचिव युद्धवीर सिंह जूदेव, अविभाजित मध्य प्रदेश में मंत्री रहे मूलचंद खंडेलवाल और अविभाजित मध्य प्रदेश में विधायक रहे मनुराम कच्छ के निधन का उल्लेख किया। उन्होंने 8 अक्टूबर को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की सेवाओं का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देवव्रत सिंह से अपनी बात शुरू करते हुए सभी दिवंगत नेताओं के साथ अपनी स्मृतियां साझा कीं। उनके मानवीय गुणों और क्षमताओं का उल्लेख किया। जनरल बिपिन रावत के निधन को उन्होंने देश के लिए अपूर्णीय क्षति बताया।

नहीं हो पाया प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण

पहले दिन श्रद्धांजलि की वजह से प्रश्नकाल नहीं हो पाया। प्रश्नों के लिखित उत्तर जरूर सामने आ गए हैं। सोमवार को ध्यानाकर्षण सूचनाओं के लिए समय तय हुआ था, लेकिन वह भी नहीं हुआ। ध्यानाकर्षण में रायपुर शहर में प्रदूषण को लेकर सवाल होने थे। वहीं गरियाबंद जिले में मिनी राइस मिल लगाने और कृषि यंत्रों की खरीदी में अनियमितता का मुद्दा उठने वाला था।

इस सत्र में पांच बैठकें प्रस्तावित

शीत कालीन सत्र 13 दिसंबर से 17 दिसंबर तक प्रस्तावित है। इसमें कुल पांच बैठकें होनी है। इस बीच सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी। वहीं छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर (GST) संशोधन विधेयक और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक भी पेश करने वाली है।

धान खरीदी समेत कई मुद्दों को लेकर विपक्षों ने की सरकार को घेरने की तैयारी

इधर विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है। इसमें धान खरीदी में बारदाना संकट, धर्मांतरण, धार्मिक विवाद और आपराधिक घटनाओं का मामला प्रमुखता से उठेगा। मादक द्रव्य की तस्करी, शराब, जमीनों पर कब्जे के मामलों को लेकर भी विपक्ष हमलावर है।

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