छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र

टीआरपी डेस्क। प्रधानमंत्री आवास योजना के केंद्र द्वारा लक्ष्य वापस लिए जाने के मसले पर सदन गरम हो गया। पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव इस मसले पर जवाब देते रहे लेकिन विपक्ष के सवाल लगातार आते रहे। राज्यांश के मसले पर अजय चंद्राकर ने सरकार को घेरा और कहा।

बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने मामला उठाते हुए कहा सवाल किया कि कितना केंद्रांश और राज्यांश की कितनी राशि मिली?

बीजेपी विधायक के सवाल का जवाब देते हुए पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021 में आवास के लिए कोई राशि नहीं मिली। इस वित्तीय वर्ष में केंद्र से आवास नहीं मिले, क्योंकि पिछला लक्ष्य पूरा नहीं हुआ था। छत्तीसगढ़ में मंगलवार को राज्य की विधानसभा अध्यक्ष के आसने के सामने नारेबाजी करने पर भाजपा के 11 विधायकों को स्वंमेव निलम्बित कर दिया गया। यह विधायक पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री पर प्रधानमंत्री आवास सम्बन्धी प्रश्न पर दिए उत्तर से असन्तुष्ट होकर नारेबाजी कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि साल 2019-20 के आवास के लिए राज्यांश 762 करोड़ रुपए देने थे। हमने केंद्र से कहा था कि वक़्त दे। वीडियो काँफ्रेंसिंग में भी हमने वक़्त बढ़ाने का आग्रह किया था लेकिन केंद्र ने आबंटित आवास वापस ले लिए।

मंत्री सिंहदेव के जवाब के बाद अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि क्या राज्य सरकार ने 2019-2020 और 2020-2021 के लिए राज्यांश दिया? जिस पर मंत्री सिंहदेव ने कहा की साल 2020-2021 के लिए 800 करोड़ रुपए स्वीकृत नहीं है।

राज्य के हक़ की राशि केंद्र उपलब्ध नहीं कराएगा तो हम क्या करेंगे? बार-बार मुख्यमंत्री ने भी केंद्र से ये पूछा लेकिन केंद्र ने राशि उपलब्ध नहीं कराई। केंद्र में लंबित 20 हज़ार करोड़ रुपए लंबित होगा तो योजनाएँ कैसे चलेंगी? रूटीन काम कैसे होंगे।

जिस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि 60/40 के रेशियो में चलने वाली हर योजनाओं को राज्य सरकार क्या केंद्र को लौटाएगी? इस राज्य ने आईएफबीएम एक्ट की सीमा पार कर चुकी है। 6 फ़ीसदी की सीमा पार कर ली है। मुख्यमंत्री ने ये स्वीकार किया है कि 51 हज़ार करोड़ क़र्ज़ ले लिया है। ग़रीबों के आवास के लिए सरकार को क़र्ज़ क्यूँ नहीं मिल रहा?

संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि इन सबकी वजह केंद्र सरकार है, छत्तीसगढ़ सरकार के साथ केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है। बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मामले में कहा कि राज्य सरकार ग़रीबों का आवास छिनने वाली सरकार है। जिसके बाद सदन में पक्ष विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि केंद्र ने आवास योजना को लेकर अनेक पत्र लिखे हैं। ग़रीबों का आवास छिनने का षडयंत्र किया जा रहा है। हालांकि इसके ठीक बाद हंगामा और बढ़ा और विपक्ष गर्भगृह में आ गया और नारेबाज़ी करने लगा। इसके बाद बुधवार तक विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई।

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