CG BREAKING- हड़ताली शिक्षकों पर सख्ती शुरू, सरकार ने मांगी गैर-हाजिरों की रिपोर्ट, डाइस नॉन करने की तैयारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के हड़ताली शिक्षकों पर प्रदेश सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों से ऐसे शिक्षकों की जानकारी मांगी है, जो बिना अनुमति के मुख्यालय से अनुपस्थित हैं और धरना प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय से अनुपस्थित ऐसे शिक्षकों को अवकाश स्वीकृत नहीं करने एवं उन्हें नियमानुसार कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर अनुपस्थित अवधि का अकार्य दिवस (डाइस नॉन) स्वीकृत करने की कार्यवाही कर पालन प्रतिवेदन संचालनालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया है कि विगत दो सत्र में कोविड-19 वायरस के प्रकोप के कारण स्कूलों में पढ़ाई बाधित रही है। स्कूल संचालन प्रारंभ होने के पश्चात् यह अपेक्षा थी कि छात्र-छात्राओं को पढ़ाई का जो नुकसान हुआ है, उसे शिक्षकों द्वारा सुचारू रूप से अध्यापन किए जाने से पूर्ति होगी परन्तु सहायक शिक्षक संवर्ग के कर्मचारी अपनी मांगों के लिए रायपुर में धरना प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं।

वेतन विसंगति के मुद्दे पर आंदोलन

आंदोलनकारी शिक्षकों ने बताया कि प्रदेश में शिक्षकों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है। वर्ग 1-2 और 3 वर्ग में काम करने वाले शिक्षकों को व्याख्याता एलबी कहा जाता है। वर्ग 2 के शिक्षकों को शिक्षक एलबी कहा जाता है, जिनका ग्रेड पे 4400 रुपए निर्धारित है।

वहीं वर्ग 3 में काम करने वाले शिक्षकों को सहायक शिक्षक एलबी कहा जाता है, जिनका ग्रेड पे 2400 रुपए निर्धारित है। इसके चलते वर्ग 2 और वर्ग 3 के सहायक शिक्षकों के वेतन में प्रति माह लगभग 12 हजार रुपए का अंतर आ जाता है। सहायक शिक्षकों की मांग है कि इस अंतर को कम कर एक हजार से दो हजार रुपए तक किया जाए।

समय सीमा बीतने के बाद नहीं आई रिपोर्ट

शिक्षक यह मांग कई वर्षों से कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी को 90 दिन के भीतर रिपोर्ट देनी थी। पिछले 4 दिसंबर को यह समय सीमा बीत गई। इसके बाद शिक्षक फिर से आंदोलन पर उतर आए हैं।