ओमीक्रॉन पर कितनी असरदार होगी बूस्टर डोज़? तीसरी वैक्सीन पर सबकी निगाहें
ओमीक्रॉन पर कितनी असरदार होगी बूस्टर डोज़? तीसरी वैक्सीन पर सबकी निगाहें

नेशनल डेस्क। दुनियाभर में ओमीक्रॉन के मामले तेजी से बढते जा रहे है।कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि, कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगाए हुए लोगो में भी ओमीक्रॉन संक्रमण हो सकता है। इन हालातों में वैक्सीन की तीसरी डोज़ यानि बूस्टर डोज़ को लेकर देश में चर्चाएं शुरू हो गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, बूस्टर डोज़ से लोगो की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत कर उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाया जा सकता है। लेकिन बूस्टर डोज़ कब बनेगी? कब मिलेगी? यह प्रश्न बना हुआ है।

भारत के टीकाकरण प्रोटोकॉल के अनुसार, लोगों को एक निश्चित समय अंतराल में ही दोनों ठीके लग सकते है। अबतक देश में लगभग 138 करोड़ लोगो को वैक्सीन की पहली डोज़ लग चुकी है। ओमीक्रॉन वैरिएंट पर बूस्टर डोज़ कितना प्रभावित होगी यह कहा नहीं जा सकता।

मॉडर्ना से मिलेगी सुरक्षा,

मॉडर्ना की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उसके वैक्सीन की बूस्टर खुराक, तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट से सुरक्षा प्रदान कर सकती है। सोमवार को दिए अपने बयान में मॉडर्ना ने कहा कि प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चला है कि हाफ डोज बूस्टर शॉट से एंटीबॉडीज के स्तर में 37 गुना वृद्धि हो सकती है, जो ओमिक्रॉन से लड़ने में सक्षम है। वही इसके फुल डोज बूस्टर शॉट से एंटीबॉडीज के स्तर में 83 फीसदी तक की वृद्धि देखी जा सकती है।

इंट्रा-नेजल के तीसरे चरण के अध्ययन की मांगी अनुमति

बात करें भारत की तो, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत बायोटेक ने दवा नियामक डीजीसीआई से इंट्रा-नेजल कोविड -19 वैक्सीन के बूस्टर शॉट के तीसरे चरण के अध्ययन की अनुमति मांगी है। हैदराबाद स्थित कंपनी द्वारा विकसित इंट्रानैसल वैक्सीन BBV154 के उपयोग को भारत ने अभी तक मंजूरी नहीं दी है। बताया जा रहा है कि देश में जिन लोगों को कोविशील्ड या कोवाक्सिन के टीके लगे हैं उनको इसका बूस्टर डोज दिया जा सकेगा। कंपनी के मुताबिक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। भारत में फिलहाल बूस्टर डोज को लेकर सरकार की तरफ से कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है।

बुजुर्गों को दिया जा सकता है बूस्टर डोज़

लंदन के वैज्ञानिकों ने हाल ही में कहा था कि भारत जैसे बड़े देश में बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को बूस्टर डोज देकर उन्हें कोरोना से खतरनाक वैरिएंट्स से सुरक्षित करना आवश्यक है। वैज्ञानिकों ने कहा, बुजुर्गों को बूस्टर शॉट देकर उच्च जोखिम वाली आबादी को सुरक्षित किया जा सकता है। बूस्टर शॉट देकर मौत के खतरे में करीब 5 फीसदी की अतिरिक्त कटौती की जा सकती है। इस बारे में गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

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