राहुल गांधी के मॉब 'लिंचिंग' वाले ट्वीट से छिड़ा राजनीतिक घमासान, इन दिग्गजों ने राजीव गांधी को लेकर किया यह पोस्ट
राहुल गांधी के मॉब 'लिंचिंग' वाले ट्वीट से छिड़ा राजनीतिक घमासान, इन दिग्गजों ने राजीव गांधी को लेकर किया यह पोस्ट

टीआरपी डेस्क। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक लाइन के मॉब ‘लिंचिंग’ वाले ट्वीट करते ही घमासान छिड़ गया। हाल ही में पंजाब सहित कुछ जगहों पर भीड़ के कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डालने की घटनाएं देखने को मिली थी। राहुल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि साल 2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था। उन्होंने ‘थैंक्यू मोदी जी’ हैशटैग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। उनके ट्वीट से एक नया राजनीतिक घमासान छिड़ गया। जिसके बाद से वो बीजेपी के निशाने पर आ गए।

राहुल जी को ज्ञान का अभाव

राहुल गांधी अब मध्य प्रदेश के गृहमंत्री के निशाने पर भी हैं। उनपर पलटवार करते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस के लोगों ने देश में मॉब लिंचिंग की शुरुआत की थी। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले राहुल गांधी जी को चुनाव के समय #UttarPradesh में तो मॉब लिंचिंग दिखाई दे रही है, लेकिन केरल में नहीं, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं को बेरहमी से मारा गया।

वहां एक एक कार्यकर्ता को कई कई घांव लगे थे, जो उन्हें नहीं दिख रहा। राहुल जी को ज्ञान का अभाव है. मॉब लिंचिंग की शुरूआत कश्मीर से हुई थी। ये कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति हैं. इसी का परिणाम कांग्रेस झेल रही है और आगे भी भुगतेगी।

महिलाओं के साथ बलात्कार किया – मालविया

इस पर अमित मालविया ने भी राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए ट्वीट कर लिखा की मिलिए राजीव गांधी से, मॉब लिंचिंग के जनक, सिखों के खून से लथपथ जनसंहार को सही ठहराते हुए। कांग्रेस ने सड़कों पर उतरकर ‘खून का बदला खून से लेंगे’ जैसे नारे लगाए, महिलाओं के साथ बलात्कार किया, सिख पुरुषों के गले में जलते टायर लपेटे, जबकि कुत्तों को नालों में फेंके गए जले हुए शवों पर रखा गया।

कहां से शुरू हुआ मामला

रविवार को पंजाब के कपूरथला के निजामपुर गांव में एक गुरुद्वारे में सिख धर्म के ‘निशान साहिब’ का अनादर करने के आरोप में एक आदमी को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। इसके अलावा हाल ही में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में कथित बेअदबी के चलते भीड़ ने एक अन्य व्यक्ति की पीट-पीट कर जान ले ली।

राहुल ने लिंचिंग पर हिंदी और अंग्रेजी में ट्वीट कर ध्यान खींचने की कोशिश की। उसपर खूब लाइक, कॉमेंट आए और मामला चर्चा में आ गया। इसपर बीजेपी की तरफ से आईटी टीम के प्रभारी अमित मालवीय मैदान में आए और राहुल के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए पलटवार किया। उन्होंने राजीव गांधी के एक चर्चित बयान को शेयर किया जिसमें वहो कह रहे हैं कि जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है।

BJP का हमलावर

इसपर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा था कि 1984 के दंगे, जिसमें हजारों सिख मारे गए थे, लिंचिंग का सबसे बड़ा उदाहरण बताया। उन्होंने मीडिया के लिए दलाली शब्द का इस्तेमाल करने के लिए भी राहुल गांधी को घेरा और कहा कि ये शर्म की बात है।

ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान आपातकाल के दिनों की याद दिलाती है जब मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भी 1984 के सिख दंगों और 1989 के भागलपुर दंगों का उल्लेख किया और सवाल किया कि क्या वो लिंचिंग की घटना नहीं थी।

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