धर्म संसद में हेट स्पीच के बाद अब हरिद्वार में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ मामला हुआ दर्ज

टीआरपी डेस्क। उत्तराखंड में तीन दिन तक चली धर्म संसद में मुसिलम समुदाय पर दिए गए विवादित बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मुसिलम समुदाय को लेकर विवादित बयानबाजी और भड़काऊ भाषणों के बाद अब वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

इन वीडियो में धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, मुस्लिम प्रधानमंत्री न बनने देने, मुस्लिम आबादी न बढ़ने देने समेत धर्म की रक्षा के नाम पर विवादित भाषण देते हुए साधु-संत दिखाई देते हैं। महिला संत भी कॉपी-किताब रखने और हाथ में शस्त्र उठाने जैसी बात कहती हुई नज़र आती हैं।

इस आयोजन से संबंधित वीडियो के वायरल होने के कई घंटे बाद तक पुलिस प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके चलते ज़िला प्रशासन पर सवाल उठने लगे थे।

धर्म संसद में की गई बयानबाजी को लेकर अन्य लोगों पर भी आरोप लगाए गए हैं। मामला हरिद्वार कोतवाली में गुलबहार नामक युवक ने दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है। बता दें कि 17 से 19 दिसम्बर को हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया था।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया, “इस तरह के भड़काऊ बयान ग़लत हैं, इसलिए हमने इन वीडियोज को सोशल मीडिया पर ब्लॉक करने को भी कहा है। “धर्म संसद में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और ग़ाज़ियाबाद के साधु यति नरसिंहानंद सरस्वती, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और दक्षिणवादी संगठन हिंदू रक्षा सेना के स्वामी प्रबोधानंद, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मां अन्नपूर्णा समेत धर्म संसद के आयोजक पंडित अधीर कौशिक समेत हज़ार से अधिक महामंडलेश्वर, महंत, साधु-संत जुटे। जूना, निरंजनी, महानिर्वाणी समेत हरिद्वार के सभी प्रमुख अखाड़े इसमें शामिल रहे।

कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने ट्वीट करके इस सभा पर और यहां दिए गए बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्वीट किया- “मुनव्वर फ़ारूक़ी को उनके कथित चुटकुलों के लिए दंडित किया गया लेकिन ‘धर्म संसद’ के सदस्यों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं।”

धर्म संसद में कही गई बातों पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी कहती हैं, “युवाओं के लिए रोज़गार मांगने की बजाय, महंगाई के मुद्दे पर धर्म संसद करने के बजाय ये मुठ्ठी भर लोग जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं. ठीक चुनाव से पहले हिंदुस्तान, पाकिस्तान, मुसलमान, यही सब इनका एजेंडा रह जाता है. कोविड महामारी के समय जब गंगा में लाशें तैर रही थीं तो उसमें हिंदू-मुस्लिम सभी थे। उस वक्त हिंदू धर्म के झंडा बरदार दाह संस्कार के लिए क्यों नहीं आए। इस तरह की मानसिकता वाले लोग देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं।”

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