रायपुर। पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा खरीदे गए गुणवत्ताहीन कागज की खरीदी मामले की जांच के लिए आदेश जारी किया गया है। सोचने वाली बात यह है कि विभाग द्वारा की गई खरीदी के खिलाफ विभाग के अधिकारी ही जांच करने वाले हैं।
बता दें कि टीआरपी ने एक दिन पहले ही पाठ्य पुस्तक निगम का एक और कारनामा, 7 करोड़ खर्च कर खरीदे गुणवत्ताहीन कागज, छपाई में आ रही हैं दिक्कतें, प्रिंटरों ने खड़े किए हाथ के शीर्षक से पेपर खरीदी घोटाले को प्रमुखता से उठाया था।
क्या है मामला
पाठ्य पुस्तक निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने 7 करोड़ रुपए खर्च कर पुस्तकों के कवर पेज के लिए 900 मीट्रिक टन गुणवत्ताहीन पेपर की खरीदी की थी। इसका खुलासा तब हुआ जब ये कागज छपाई के लिए वेंडर्स के पास पहुंचे। पेपर की खराब क्वालिटी के कारण छपाई करने में समस्या आने लगी। जिसके बाद प्रिंटर्स ने छपाई से इंकार करते हुए अपने हाथ खड़े कर दिए।
बता दें कि इस खबर को तत्काल संज्ञान में लेते हुए पाठ्य पुस्तक निगम छत्तीसगढ़ के एमडी राजेश राणा ने सभी प्रिंटरों को प्रिंटिंग कार्य रोकने के आदेश जारी किए है। विभाग द्वारा गुणवत्ताहीन कागज की खरीदी के खिलाफ जांच के संबंध आदेश जारी किया गया। साथ ही अधिकारियों से दो दिनों के अंदर जवाब पेश करने को भी कहा गया है।
क्या लिखा है आदेश में
- क्या कवर पेज (250जीएसएम) सप्लायर द्वारा निविदा शर्तों में निर्धारित मानक/ स्पेशिफिकेशन के अनुरूप कागज प्रदाय किया गया है यदि नहीं तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
- क्या मुद्रकों द्वारा अनुमोदन सह अवमुक्ति प्रमाण पत्र प्रदाय हेतु जमा की गई मुद्रित पुस्तकों की गुणवत्ता विगत सत्र मुद्रित पुस्तकों के अनुरूप है?
- क्या इन पेपर (70/80 जीएसएम) सप्लायर द्वारा निविदा शर्तों में निर्धारित मानक/ स्पेशिफिकेशन के अनुरूप कागज प्रदान किया गया है यदि नहीं तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
टीआरपी की इस खबर को संज्ञान में लेते हुए निगम के एमडी राजेश राणा ने जांच के लिए आदेश दिए यह तो सराहना के योग्य है। जो इस खरीदी के लिए जिम्मेदार थे वे ही अधिकारी अब इसकी जांच करेंगे ऐसे में परिणाम क्या आएगा यह अपने आप में बड़ा सवाल है।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…