इस कलेक्टर ने रोक दी खुद की सैलरी, शिकायतों के निपटारे में देरी हुई तो उठाया कदम

टीआरपी डेस्क। अभी तक आपने सुना होगा कि काम में विलंब होने पर सरकार ने किसी अधिकारी की सैलरी रोक दी या फिर आधा वेतन दिया हो। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि किसी अधिकारी ने खुद की सैलरी रोक दी हो।

जी हां यह सच है मध्य प्रदेश में जबलपुर के डीएम ने खुद अपनी ही सैलरी रोक दी। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर आने वाली आम जनमानस की शिकायतों के निपटारे में देरी होने पर अधिकारी ने खुद को यह सजा दी है। डीएम ने अपने साथ कुछ अन्य अधिकारियों की भी दिसंबर महीने की सैलरी रोक दी है।

संवेदनशील बने अधिकारी

डीएम करमवीर शर्मा सोमवार को जिला पंचायत ऑफिस में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन शिकायतों की विभागवार समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान 100 से ज्यादा दिनों तक शिकायतें पेंडिंग रहने पर उन्होंने यह आदेश जारी किया। जानकारी के मुताबिक जबलपुर के डीएम करमवीर शर्मा ने जिला ट्रेजरी अधिकारी को आदेश पर अमल का निर्देश दिया। डीएम ने अधिकारियों को संवेदनशील बनने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने तय समय के भीतर शिकायतों का निपटारा करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहाकि सभी शिकायतों को ध्यानपूर्वक सुना जाना चाहिए। उन्होंने 100 दिन से पेंडिंग शिकायतों के निपटारे के लिए 31 दिसंबर की समयसीमा तय की है।

कुछ तहसीलदारों के रोके गए इंक्रीमेंट

शर्मा ने साफ-सफाई और हेल्पलाइन से संबंधी मामलों पर ठीक से ध्यान न देने के लिए डिप्टी म्यूनिसपल कमिश्नरों की सैलरी रोकने का आदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने कुछ तहसीलदारों के इन्क्रीमेंट भी रोकने के निर्देश दिए। इन तहसीलदारों के खिलाफ रेवेन्यू मामलों में लापरवाही बरतने की शिकायत है। वहीं प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर का इंक्रीमेंट विभिन्न मामलों को सही ढंग से न डील करने पर रोकी गई है। वहीं जिला विपणन अधिकारी को मीटिंग न अटेंड करने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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