Yes Bank को-फाउंडर राणा कपूर को दिल्ली में दिल लगाना पड़ा महंगा, 2500 करोड़ का लोन किया पास, ED ने 1300 पन्नों की कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
Yes Bank को-फाउंडर राणा कपूर को दिल्ली में दिल लगाना पड़ा महंगा, 2500 करोड़ का लोन किया पास, ED ने 1300 पन्नों की कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट

टीआरपी डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय ने एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर उनकी पत्नी बिंदु कपूर और अवंता ग्रुप के प्रमोटर गौतम थापर के खिलाफ मुंबई की पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला दिल्ली में गिरवी रखे गए एक बंगले को मार्केट वैल्यू से कम कीमत पर खरीदने से जुड़ा है।

दिल्ली के अमृता शेरगिल मार्ग पर स्थित यह बंगला थापर का था जिसे उन्होंने यस बैंक के पास गिरवी रखा था। इसकी कीमत 685 करोड़ रुपये बताई जा रही है। आरोप है कि यह बंगला 380 करोड़ रुपये में खरीदा गया। इस मामले में राणा कपूर और उनकी पत्नी पर 305 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। थापर की कंपनियों ने यस बैंक के 2500 करोड़ रुपये के लोन पेमेंट में डिफॉल्ट किया था।

कपूर के खिलाफ पहले भी कई मामले

ईडी ने करीब 1300 पन्नों की चार्जशीट में 10 आरोपियों को नामजद किया है। इनमें यस बैंक के कई सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं जिन्होंने कपूर को मनी लॉन्ड्रिंग में मदद की थी। 1.2 एकड़ में फैला बंगला कपूर की काली कमाई का हिस्सा है और ईडी इसे पहले ही अटैच कर चुका है। ईडी कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के 6 मामलों की जांच कर रहा है और अधिकांश मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।

400 करोड़ रुपये का दिया था लोन

अवंता ग्रुप ने इस बंगले को जमानत पर रखकर आईसीआईसीआई बैंक से 350 करोड़ रुपये और डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक से 30 करोड़ रुपये लिए थे। 2016 में आईसीआईसीआई लोन में इस बंगले की कीमत 550 करोड़ रुपये आंकी गई थी। उसी साल यस बैंक ने अवंता रियल्टी को 400 करोड़ रुपये का लोन दिया था। कंपनी इस लोन की हकदार नहीं थी क्योंकि उस पर पहले ही यस बैंक का बकाया था। कंपनी ने यस बैंक के लोन से आईसीआईसीआई बैंक और डीसीबी का बकाया चुकाया। फिर इस बैंक को यस बैंक में गिरवी पर रख दिया गया।

380 करोड़ में बेचा बंगला

यस बैंक ने अवंता ग्रुप की कंपनियों को और लोन दिया। उसका कुल बकाया 2500 करोड़ रुपये था। बाद में अवंता ग्रुप की कंपनियों ने अकाउंट एनपीए बन गए और उसने बंगले की नीलामी के लिए यस बैंक से एनओसी हासिल कर ली। लेकिन कंपनी ने ड्यू प्रोसेस को फॉलो नहीं किया और इसे 2017 में बिंदु कपूर की कंपनी ब्लिस अबोड को 380 करोड़ रुपये में बेच दिया।

बाद में इसे 685 करोड़ रुपये में इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में गिरवी रखा गया। माना जा रहा है कि परजेस प्राइस और मोर्टगेज वैल्यू में अंतर की राशि कपूर और उनकी पत्नी को थापर ग्रुप से रिश्वत के रूप में मिली थी। इसके बदले में उन्होंने थापर ग्रुप की कंपनियों को लोन के साथ-साथ कई सुविधाएं दी थीं। राणा कपूर अभी मुंबई की एक जेल में बंद हैं। ईडी के अलावा सीबीआई भी उनके खिलाफ जांच कर रही है।

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