1 हजार विश्वविद्यालयों को UGC का नया फरमान, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश बनाएगा 75 करोड़ सूर्य नमस्कार करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड, रजिस्ट्रेशन शुरू
1 हजार विश्वविद्यालयों को UGC का नया फरमान, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश बनाएगा 75 करोड़ सूर्य नमस्कार करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड, रजिस्ट्रेशन शुरू

टीआरपी डेस्क। 75वें स्वतंत्रता दिवस पर 75 करोड़ लोग सूर्य नमस्कार करेंगे। इसको लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को पत्र लिख कर 75वें स्वतंत्रता दिवस पर सूर्य नमस्कार करने के लिए कहा है।

तीन लाख छात्रों द्वारा किया जाएगा सूर्य नमस्कार

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने देश के 1,000 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और 40,000 से अधिक कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर जनवरी और फरवरी में आयोजित होने वाले 75 करोड़ सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कहा है। रजनीश जैन द्वारा लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य पत्र लभगग 30,000 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले 3 लाख छात्रों द्वारा 75 करोड़ सूर्य नमस्कार करना है।

21 दिन हर रोज करीब 13 बार करेगें सूर्य नमस्कार

पत्र में सभी संस्थानों से 1 जनवरी 2022 से 7 फरवरी 2022 तक चलने वाले इस आयोजन में भाग लेने के साथ ही इस कार्यक्रम का प्रचार प्रसार करने के लिए भी कहा गया है। हालांकि पत्र के साथ में ही जोड़े गए एक पेज के अनुसार, कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 51 दिनों के अंतराल में करीब 21 दिन सूर्य नमस्कार करना होगा। 21 दिन हर रोज करीब 13 बार सूर्य नमस्कार करना होगा।

अकेले या ग्रुप इस कार्यक्रम में ले सकते हिस्सा

इसके अलावा 21 दिनों के इस कार्यक्रम के लिए हर रोज 1 मिनट का वीडियो बनाने के लिए भी कहा गया है। साथ ही भाग लेने वाले छात्रों और संस्थानों को 75 करोड़ सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के लिए बनाई गई वेबसाइट पर पंजीकरण करने के लिए भी कहा गया है। इसमें यह भी कहा था कि भाग लेने वाले विद्यार्थी चाहें तो अकेले या ग्रुप के साथ भी इस कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं।

हालांकि यूजीसी के इस आदेश का कई शिक्षाविदों ने विरोध भी किया है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति राजेन हर्षे ने कहा कि यूजीसी की भूमिका शैक्षणिक मानकों का पालन करना और उसको बनाए रखना होता है, न कि किसी विशेष अवसर को मनाने के निर्देश जारी करना होता है। यूजीसी का यह फरमान अकादमिक स्वतंत्रता और उच्च शिक्षा के लोकाचार के विपरीत है।

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