ओमीक्रॉन से होगा कोरोना का खात्मा, विशेषज्ञों ने किया बड़ा दावा
ओमीक्रॉन से होगा कोरोना का खात्मा, विशेषज्ञों ने किया बड़ा दावा

नेशनल डेस्क। 2019 से देश-दुनिया में तबाही मचाने वाला कोरोना हर साल नए-नए रूप (म्युटेंट) के साथ आता है। पिछले साल आए डेल्टा वैरिएंट ने जमकर देश-दुनिया में तबाही मचाई थी। जिसके बाद अब साल 2021 में आए कोरोना वैरिएंट ओमीक्रॉन ने अपना कहर बरपाया। लेकिन एक रिसर्च के मुताबिक ओमीक्रॉन तेजी से तो फ़ैल रहा है लेकिन, वह बाकि वैरिएंट्स जितना खतरनाक नहीं है। बल्कि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि, ओमीक्रॉन कोरोना के अंत की शुरुआत है।

अलग-अलग देशों के विशेषज्ञों का यह मानना है कि, ओमीक्रॉन वैरिएंट चाहे ज्यादा संक्रामक क्यों न हो वह उतना नुकसानदायक नहीं है। इतना ही नहीं एक शोध में यह पाया गया है कि, ओमीक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होने पर एंटीबॉडी तेजी से बढ़ रहा है। इन शोधों के अनुसार यह माना जा रहा है कि, जिस प्रकार स्पेनिश फ्लू जैसी महामारी अब सामान्य हो गई है उसी प्रकार भविष्य में कोरोना भी साधारण बिमारी हो जाएगी।

ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक के बयान के अनुसार, कोरोना के वैरिएंट ओमीक्रॉन से ही कोरोना ख़त्म होगा। जी हाँ, विशेषज्ञों के मुताबिक, ओमीक्रॉन के बढ़ाते मामलों से डरने की जरुरत नहीं है। ओमीक्रॉन की वजह से ही इस महामारी का अंत होगा। कोरोना का डेल्टा वैरिएंट तेजी से फेफड़ो पर आक्रमण करता था, लेकिन ओमीक्रॉन डेल्टा के मुकाबले धीमीं गति से फैलता है।

ओमीक्रॉन से होगा कोरोना का खात्मा:

विशेषज्ञों के अनुसार ओमीक्रॉन वैरिएंट को इंसान को गंभीर रूप से बीमार करने का मौका ही नहीं मिल पा रहा है। लेकिन जिन लोगो को पहले से ही कोई गंभीर बिमारी है या स्वास्थ्य संबंधी कोई बड़ी समस्या है उन्हें ओमीक्रॉन प्रभावित कर सकता है। अब ओमिक्रॉन तेजी से डेल्टा की जगह ले रहा है, मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जितने लोगों में यह फैलेगा, उतने ज्यादा लोगों को नेचुरल इम्यूनिटी मिलती जाएगी।

रिसर्च के मुताबिक ओमीक्रॉन संक्रमण से लोगों की इम्युनिटी बढ़ती है। और इसके साथ ही संक्रमण से बनने वाली इम्युनिटी वैक्सीन से बनने वाली इम्युनिटी से ज्यादा समय तक शरीर में मौजूद रहती है। इसके कारण की वह जीतनी तेजी से फैलेगा उतना ही तेजी से इसका खतरा कम होगा। यही वजह है कि अब तक डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन से होने वाली मौतों की संख्या काफी कम है। इन कारणों की वजह से ऐसी आशंका जताई जा रही है कि, ओमीक्रॉन से ही कोरोना का खात्मा होगा।

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