रायपुर। भूगोल विषय में शोधार्थियों को सुचारु रूप से सुविधा उपलब्ध करने व छात्रों के माँग को पूरा करते हुए शासकीय जे.योगानंदम छत्तीसगढ़ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर को भूगोल विषय में शोध-केंद्र की मान्यता दे दी गई हैं जिससे भूगोल विषय में शोधार्थियों को लाभ मिलेगा। साथ ही बैठक में कार्यपरिषद् की विश्वविद्यालय की संपूर्ण पद्धति को एक व्यवस्थित पद्धति अपनाने के लिए ई-गवर्वेस में उन्नयन करने का निर्णय लिया गया। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह पेपर-लैस होगा पूरा सिस्टम कंप्यूटरीकृत होगा, इससे डाटा कलेक्शन आसान होगा तथा विभिन्न डाटा कॉन्फ्लिक्ट की संभावना नहीं होगा।
वहीं रोस्टर पद्धति में बदलाव किया गया है इससे अब यूजीसी द्वारा चयन के लिए नये मापदंडों को लागू करने तथा विभिन्न तकनिकी खामियों के कारण से विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक पदों पर नियुक्ति हेतु वर्ष 2015 में जारी विज्ञापन को निरस्त कर, शासन से अनुमति लेकर पुनः विज्ञापन जारी किए जाने का निर्णय लिया गया।
छात्रहित में 15 विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन सुविधा
विश्वविद्यालय द्वारा छात्रहित में लगभग 15 विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन सुविधा तथा इंटरनेट आधारित जानकारी को अपनाकर रखा हुआ है। इसके लिए विश्वविद्यालय को चार विभिन्न सर्वर केंद्रों के माध्यम से गतिविधि को संचालित करना पड़ता है।
सभी शोध केंद्रों को आपस में जोड़ने का फैसला
विश्वविद्यालय ग्रंथालय समिति द्वारा प्रेषित निर्णय जिस पर पं. सुंदरलाल शर्मा ग्रंथागार, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर को विश्वविद्यालय परिक्षेत्र स्थित समस्त शोध केंद्रों को आपस में जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इससे विश्वविद्यालय के समस्त शोधार्थीगण पुस्तकों एवं देश-विदेश स्तर पर कार्य कर सकेंगे। इससे शोध की गुणवत्ता को अपनाने में सहायता मिलेगी।
क्लाउड बेस्ड सर्वर का होगा उपयोग
विश्वविद्यालय के सभी सर्वरों में सर्वरों की क्षमता का पूरा उपयोग होने के कारण से विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद् में निर्णय लिया गया कि अधिक क्षमता युक्त क्लाउड बेस्ड सर्वर का उपयोग किया जाएगा, जिससे छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय की जानकारी तक पहुँचाने में त्वरित कार्यवाही हो सके।
आधुनिक सर्वेक्षण कराए जाने का लिया गया निर्णय
कार्यपरिषद् की ओर से डॉ. भजन सिंह छाबड़ा, प्राचार्य, शास. काव्योपाध्याय महा. अभनपुर को ग्रंथालय समिति पं. सुंदरलाल शर्मा ग्रंथागार का सदस्य मनोनित किया गया है। विश्वविद्यालय अपने पूरे परिसर का वैज्ञानिक पद्धति से सर्वेक्षण कराकर भविष्य के उपयोगिता के लिए स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई, जिला-दुर्ग को UAV के माध्यम से आधुनिक सर्वेक्षण कराए जाने का निर्णय लिया है।
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