आगामी विधानसभा चुनाव से बिगड़ेंगे हालात! इन चुनावी राज्यों में तेजी से बढ़ रहा है संक्रमण दर, यूपी में स्थिति सबसे खतरनाक

नेशनल डेस्क। देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे है। ऐसे में देश के पांच राज्यों में फ़रवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव से कोरोना की स्थिति और भी बिगड़ सकती है। आगामी चुनाव वाले राज्यों में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है। इससे यह संभावना है कि इन राज्यों में कोरोना की स्थिति और भी भयावह हो जाएंगी। उत्तरप्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालाँकि इन राज्यों में कोरोना की स्थिति को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने रैलियों और चुनावी आयोजनों को लेकर सख्त पाबंदियां लगा दी है।

एक नजर में पांच चुनावी राज्यों में कोरोना की स्थिति:

उत्तरप्रदेश- महज एक हफ्ते में 20 गुना हुए मामले

उत्तरप्रदेश में कोरोना मामलों में तेजी से उछाल देखा गया है। बता दें कि, पिछले सप्ताह (2 जनवरी) यूपी में कोरोना के एक्टिव केस 1725 थे जबकि 10 जनवरी को यह बढकर 33,946 तक पहुँच गए है। इससे साफ़ है की यूपी में कोरोना के मामले एक सप्ताह में 20 गुना तक बढ़ गए है। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश में वैक्सीनेशन भी चिंता का विषय बनी हुई है। क्योकि अबतक यहां 53% आबादी को ही दोनों वैक्सीन लगी है। लेकिन इस बीच रहत वाली बात यह है कि, यूपी के इन्फेक्शन रेट में कमी देखी गई है।

पंजाब- एक हफ्ते में 14 गुना बढ़े मामले

पंजाब में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे है। पंजाब में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या केवल एक सप्ताह में 14 गुना से भी ज्यादा बढ़े है। बता दें कि, पंजाब में 2 जनवरी को 1369 एक्टिव मामले थे जो सात दिनों में बढकर 19,379 हो गए है। इतना ही नहीं पंजाब में ऑक्सीजन सपोर्ट पर जाने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। तीसरी लहर की शुरुआत में राज्य में 33 लोग ऑक्सीजन सपोर्ट में थे जबकि अब 254 लोग हो गए है। चिंता की बात यह है की यहां इन्फेक्शन रेट भी बढ़कर 23.72 हो गई है। कोरोना के दस मरीज वेंटिलेटर पर भी हैं।

गोवा- संक्रमण दर से बढ़ेगी चिंता

गोवा में कोरोना के मामले फिलहाल बाकि अन्य पांच राज्यों के मुकाबले कम हैं लेकिन यहां का इन्फेक्शन रेट (संक्रमण दर) लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में राज्य में संक्रमण दर 27.38% है। अच्छी बात यह है कि इस राज्य में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा वैक्सीनेशन किया जा रहा है। इस वजह से गोवा में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है। बता देब कि, पांच चुनावी राज्यों के मुकाबले गोवा कम्प्लीट वैक्सीनेशन में सबसे आगे है। अबतक गोवा के 96% वयस्कों का टीकाकरण पूर्ण हो चूका है।

मणिपुर- 7 दिन में दोगुने हुए एक्टिव केस

अन्य चार राज्यों में मुकाबले मणिपुर के हालात काबू में है। मणिपुर में संक्रमण दर 4.14% है। लेकिन यहाँ वैक्सीनेशन भी अन्य राज्यों की तुलना में कम है। बात करें कोरोना एक्टिव केस की तो मणिपुर में कोरोना केस एक सप्ताह में दोगुने हुए है। 2 जनवरी को 215 एक्टिव केस थे जो 10 जनवरी को 438 हो गए।

उत्तराखंड- एक्टिव केस में लगातार तेजी

उत्तराखंड में वैसे तो वैक्सीनेशन की रफ़्तार ठीक है बावजूद यहां एक्टिव केस में तेजी देखी जा रही है। राज्य में 2 जनवरी को 506 एक्टिव केस थे जबकि 10 जनवरी को यह बढ़कर 5009 हो गए है। उत्तराखंड में संक्रमण दर 7.57% है। बता दें कि, मणिपुर में 85% लोगो का वैक्सीनेशन किया जा चूका है।

महामारी में चुनाव के साथ ही बढ़ना होगा आगे:

देश के कई राज्यों में संक्रमण दर में बढोतरी देखी गई है। ऐसे में कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि, हमें महामारी के साथ ही चुनाव में जाना होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, हम पिछले 2 वर्षों से इस महामारी से जूझ रहे है और भविष्य में भी पता नहीं कब तक इससे छुटकारा मिलेगा। ऐसे हालातों में हम कब तक इन चीजों से दूर भागेंगे। हम चुनाव नहीं टाल सकते।

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