बिना दस्तावेज के धान का परिवहन, तहसीलदार ने जब्त किया 84 क्विंटल धान
बिना दस्तावेज के धान का परिवहन, तहसीलदार ने जब्त किया 84 क्विंटल धान

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों द्वारा उगाये गए धान की खरीद-बिक्री सरकारी सोसाइटी के अलावा मंडी के माध्यम से ही की जाती है मगर किसान और राइस मिलर मंडी टैक्स बचाने के फेर में बिना दस्तावेज के ही धान का लेनदेन कर लेते हैं, ऐसे ही दो ट्रैक्टर धान को बिलासपुर के सीपत इलाके में जब्त कर लिया गया। इन वाहनों में 210 बोरों में 84 क्विंटल धान लदा हुआ था।

छुट्टी के दिन परिवहन पर हुई आशंका

सीपत के अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी को शनिवार की सुबह मटियारी के पास धान के बोरों से भरे दो ट्रेक्टर एक साथ नजर आये। धान लेकर बिलासपुर की तरफ जा रहे ट्रैक्टरों को अतिरिक्त तहसीलदार ने रोका। दरअसल किसानों द्वारा अपना धान मंडी के माध्यम से बेचा जाता है, मगर मंडी में शनिवार और रविवार के दिन छुट्टी होती है, ऐसे में शनिवार के दिन धान के परिवहन से शक हुआ और तहसीलदार शशिभूषण सोनी ने वाहनों को रोककर पूछताछ की।

ट्रेक्टर चालकों ने बताया कि धान ग्राम कौव्वाताल के राजकुमार साहू का है। धान को कहां ले जाया जा रहा है, इस सवाल का संतोषजनक जवाब नही मिला, जिसके बाद तहसीलदार ने दोनों ट्रैक्टरों को तहसील कार्यालय में खड़ा करा दिया।

धान मालिकों ने बताया, राइस मिल मालिक ने नाकारा

मौके पर धान मालिकों को बुलाया गया। धान मालिक हंसराम पटेल और राजकुमार साहू ने बताया कि धान उनका ही है, जिसे वे मटियारी (पंधी) स्थित मित्तल राइस मिल में बेचने जा रहे थे। इधर जब मित्तल राइस मिल के मालिक को बुलाकर पूछा गया तो उसने सिरे से नकार दिया कि धान उसके यहां जा रहा था। इसके बाद तहसीलदार ने मंडी पर्ची के साथ वैध दस्तावेज मांगा। लेकिन दोनों ग्रामीणों ने धान से संबंधित किसी भी प्रकार का दस्तावेज पेश नहीं किया।

मंडी अधिनियम के उल्लंघन का मामला दर्ज

इस मामले में कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त तहसीलदार ने मंडी अधिनियम के उल्लंघन के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए 210 बोरा (लगभग 84 क्विंटल) धान को जब्त कर लिया। इस धान को थाना सीपत के अभिरक्षा में देकर मंडी निरीक्षक शुभम कुमार सोनी को मामले में कार्यवाही के निर्देश दिए गए।

नियम के मुताबिक किसान अपना धान सीधे राइस मिलर को बेच सकता है मगर उसे इसके लिए मंडी में जाकर टैक्स पटाने के बाद पर्ची लेनी होगी, तभी वह अपना धान मिलर को देने जा सकेगा। वहीं मिलर को धान अपने गोदाम की क्षमता के मुताबिक ही रखने की बाध्यता होगी। ऐसे में किसान और राइस मिलर चोरी छिपे धान का लेनदेन कर लिया करते हैं, मगर इस तरह की चोरी पकड़ी गई, और धान को जब्त कर लिया गया।

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