ई दिल्ली। संसद का बजट सत्र (Budget session) आज यानी सोमवार से शुरू हो गया है। अभी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण जारी है। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश करेंगी।


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि मेरा आदर्श ऐसा समाज होगा जो स्वाधीनता, भाईचारे पर आधारित होगा। बाबा साहेब के शब्दों को सरकार ध्येय वाक्य मानती है। पद्म पुरस्कारों की जो लिस्ट आई उसमें यह दिखाई पड़ता है।

राष्ट्रपति कोविंद बोले कि कोरोना ने मुश्किलें बढ़ाईं, लेकिन आज भारत सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन वाले देशों में से। उन्होंने बताया कि कोरोना की तीसरी डोज और युवाओं को टीका भी दिया जा रहा है। कोविंद बोले कि सरकार भविष्य की तैयारियों में जुटी है। इसलिए 64 हजार करोड़ रुपये से आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कहा कि कोविड के कारण कई लोगों की जान चली गई। ऐसी परिस्थितियों में भी केंद्र, राज्यों, डॉक्टरों, नर्सों, वैज्ञानिकों और हमारे स्वास्थ्यकर्मियों ने एक टीम के रूप में काम किया। मैं अपने स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का आभारी हूं।

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि इस वर्ष से सरकार ने 23 जनवरी- नेताजी की जयंती से गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत की है। मेरी सरकार का मानना ​​है कि देश के सुरक्षित भविष्य के लिए अतीत को याद रखना और उससे सीखना बहुत जरूरी है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कहा कि मैं उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं जिन्होंने अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दी और भारत को उसके अधिकार दिलाने में मदद की। मैं उन व्यक्तित्वों को भी सम्मानपूर्वक याद करता हूं जिन्होंने आजादी के 75 वर्षों में भारत की विकास यात्रा में योगदान दिया।

यूपीआई प्लेटफॉर्म की सफलता के लिए सरकार को बधाई

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि डिजिटल इंडिया और डिजिटल इकॉनमी के बढ़ते प्रसार के संदर्भ में देश के UPI प्लेटफॉर्म की सफलता के लिए मैं सरकार के विजन की प्रशंसा करूंगा। दिसबंर 2021 में देश में 8 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का लेन-देन UPI के माध्यम से हुआ है।

मारी सरकार की कोशिश रही कि कोई भी भूखा न रहे: कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना के इस महासंकट में हमने बड़े-बड़े देशों में खाद्यान्न की कमी और भूख की परेशानी देखी है लेकिन मेरी संवेदनशील सरकार ने इस बात का पूरा प्रयास किया कि 100 साल के इस सबसे बड़े संकट में कोई गरीब भूखा न रहे।

किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसानों का कल्याण

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि देश में 80 फीसदी किसान छोटे किसान ही हैं जिनका देश के विकास में अहम योगदान है। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस निवेश से कृषि क्षेत्र में आज बड़े बदलाव दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि पुराने संसाधन से भी नए रास्ते निकाले जा सकते हैं। इसके लिए हमारे अंदर इच्छाशक्ति होनी चाहिए।

अभिभाषण की प्रमुख बातें

देश में स्वनिधि रोजगार योजना भी चलाई जा रही है। सरकार ने श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल भी शुरू किया है। जनधन पोर्टल को सरकार ने मोबाइल से जोड़ा है। डिजिटल इंडिया और डिजिटल इंकोनॉमी के दौर में UPI की सफलता के लिए सरकार को धन्यवाद दूंगा।
महामारी की बाधाओं के बावजूद बड़ी संख्या में घरों को नलों से जोड़ा गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को हुआ है। सरकार देश के गरीबों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है।
सरकार ने सबसे ज्यादा फसलों की खरीदारी की है। खरीफ की फसलों की खरीद से 1.30 करोड़ किसान लाभान्वित हुए। वर्ष 2020-21 के दौरान निर्यात करीबन 3 लाख करोड़ पहुंच गया।
हॉर्टिकल्चर- शहद उत्पादन के मामले में हम आगे बढ़े। 2015-15 के मुककाबले 115% की बढ़ोतरी हुई। सरकार ने कोरोना काल में सब्जियों, फलों और दूध जैसी जल्दी खराब होने वाली चीजों के लिए रेल चलाई।
देश के 80% किसान छोटे किसान हैं, जिन्हें सरकार ने लाभ पहुंचाया है। देश के 8 करोड़ से ज्यादा किसानों को एक लाख करोड़ से ज्यादा धनराशि दी जा चुकी है। खाद्य तेल नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑइल जैसे प्रयासों की शुरुआत की है।
संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2022 को इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेट्स के रूप में घोषित किया है। मेरी सरकार कई ग्रुप्स के साथ मिलकर इसे सफल बनाएगी।
देश में सिंचाई की परियोजनाओं और नदियों को जोड़ने के काम को भी आगे बढाया है। केन-बेतवा प्रोजेक्ट के लिए 150 करोड़ रुपए के फंड से काम चल रहा है।
सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के लिए भी सरकार काफी काम कर रही है। महिला सशक्तिकरण सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के पहले से अच्छे परिणााम सामने आए हैं। सरकार ने बेटियों की विवाह की उम्र बढ़ाकर लड़कों के बराकर करने के फैसले को समाज की स्वीकार्यता मिली है।
देश की शिक्षा नीति में जेंडर इन्क्लूससिवनेस को बढ़ावा दिया गया है। सैनिक स्कूलों में लड़कियों को जगह मिलेगी, NDA में महिलाओं का पहला बैच जून में आ जाएगा।