रायपुर : राहुल गाँधी ने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान सेवाग्राम का लोकार्पण किया। इसका निर्माण वर्धा के सेवाग्राम के तर्ज पर किया जाएगा। नवा रायपुर में सेवाग्राम की योजना स्थानीय लोगों को सक्षम बनाने, पर्यटन को प्रोत्साहित करने और छत्तीसगढ़ के कारीगरों के कला के सम्मान देने के उद्देश्य से की गई है। इससे गांधीवादी विचारधारा को 21 वीं सदी में प्रसारित किया जाएगा और इससे बुजुर्गों को दूसरा घर और स्थानीय लोगों को गरीबी से लड़ने के लिए एक माध्यम भी मिलेगा। महात्मा गांधी एक आदर्शवादी बुद्धिजीवी और राजनीतिक कार्यकर्ता थे, लेकिन आज गांधी जी एक दर्शन और जीवन शैली में बदल चुके हैं। दुनिया ने उनकी कई विचारधाराओं को स्वीकार किया है और आगे बढ़ाया है। और सेवाग्राम में वास्तुकला में उनकी विचारधाराओं को प्रकट करने का प्रयास किया जाएगा। गांधीवादी विचारधारा को वास्तुकला के रुप में प्रस्तुत करने से उनके विचार को सब तक सरलता से पहुँचाया जा सकता है। गांधीवादी वास्तुकला जीवन के हर पहलू, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण से संबद्ध होगी।

सेवाग्राम के लिए नवा रायपुर के खपरी गांव में 77 एकड़ भूमि को चिन्हित किया गया है, यह पूरा क्षेत्र घने वनों से आच्छादित है। पूरे सेवाग्राम की निर्माण योजना विभिन्न आयु समूहों और समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखकर की गई है। सेवाग्राम में मुख्यतः तीन भाग होंगे जिनमें विजिटर्स सेंटर एवं प्रदर्शनी कक्ष, गांधी विचार अध्ययन केन्द्र, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पुनर्जीवन केन्द्र और सेवाश्रम शामिल होंगे।

विजिटर्स सेंटर एवं प्रदर्शनी कक्ष

सेवाग्रम परिसर के बीचो-बीच विजिटर्स सेंटर एवं प्रदर्शनी कक्ष का निर्माण किया जाएगा। यह पुरा क्षेत्र भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों पर आधारित होगा। यह स्वतंत्रता के पूर्व संघर्ष की याद दिलाएगा और स्वतंत्रता के बाद के देश के स्वाभीमान के पुनर्जन्म को दर्शाते हुए वर्तमान और भविष्य के लिए देश को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस क्षेत्र का निर्माण पारंपरिक रुप से ग्रामीण वास्तुशिल्प को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इसका निर्माण टापूनुमा आकृति में होगा जो चारों ओर से नहरों से घिरा हुआ होगा, ये नहर आपस में जुड़े होंगे।

विजिटर्स सेंटर में भवनों का निर्माण लकड़ी, चूना, पत्थर मिट्टी के प्लास्टर आदि से किया जाएगा। यहाँ के भवनों की आकृति क्रमशः बढ़ते क्रम में बनाई जाएगी। जो अपने आप में भारत के गौरवशाली इतिहास को दिखाती होंगी। इन्हें स्तरों में बनाया जएगा और ये सभी भवन एक सेंट्रलाइज़्ड कूलिंग सिस्टम से जुड़े होंगे। जो इवेपोरेटीव कूलिंग तकनीक के माध्यम से भवनों के ठंडा करेगा।

गांधी विचार अध्ययन केन्द्र

कहा जाता है कि “केवल एक पिछड़े परिवार के बच्चे को मिली शिक्षा परिवार की कई पीढ़ियों का भविष्य बदल देती है, क्योंकि शिक्षा उन्हें गरीबी से बाहर निकालती है”। ऐसे ही गांधीवादी विचारों पर आधारित होगा सेवाग्राम का गांधी विचार अध्ययन केन्द्र। यहाँ पूरी तरह गांधीवादी विचारों पर केंद्रित अध्ययन प्रणाली विकसित की जाएगी। इक्कीसवीं सदी को संभालने के लिए युवा भारतीयों को सशक्त बनाने और शिक्षा प्रदान करके गरीबी को समाप्त करने जैसे उद्देश्य को लेकर इस अध्ययन केन्द्र की स्थापना की जाएगा।

गांधी विचार अध्ययन केन्द्र के प्रत्येक भवन का निर्माण बांस, चूने के प्लास्टर, पत्थर और लकड़ी जैसी देशी सामग्री का उपयोग करके किया जाएगा। ये सारे भवन भी सेंट्रलाइज़्ड कूलिंग सिस्टम से जुड़े होंगे जो बाहर के तापमान के अनुसार अंदर के वातावरण को अनुकुल बनाए रखेंगे।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था पुनर्जीवन केन्द्र (कला गाँव)

सेवाग्राम के अंदर प्रस्तावित कला गांव या ग्रामीण अर्थव्यवस्था पुनर्जीवन केन्द्र राज्य और राज्य के लोगों की सादगी और परंपराओं को प्रतिबिंबित करेगा। छत्तीसगढ़ अपनी विशिष्ट कला और शिल्प के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में जाना जाता है। छत्तीसगढ़ के बस्तर, रायगढ़ और अन्य जिलों में काँसा, बेल मेटल, लोहा, टेराकोटा, पत्थर, कपड़े और बांस के प्रयोग ये साज सजावट और अन्य उपयोग के विभिन्न कलात्मक शिल्प बनाए जाते हैं।

सेवाग्राम का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पुनर्जीवन केन्द्र या कला गाँव एक ऐसा स्थान होगा जहां आगंतुक स्थानीय कला और शिल्प देख पाएंगे। यहां आने वाले लोग कला गाँव में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों का आनंद भी उठा पाएंगे। कला गाँव में एक ओपन-एयर थिएटर का भी निर्माण किया जाएगा जहाँ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जाएंगे। यहां के भवन पारंपरिक तरीकों, मिट्टी के प्लास्टर, और लकड़ी के साथ डिजाइन किये जाएंगे तथा इनका स्वरुप ग्रामीण भवन निर्माण की परंपरा से प्रेरित होगा।

सेवाश्रम

महात्मा गाँधी का मानना था कि “स्वयं के वास्तविक रुप को खोजने का सबसे अच्छा माध्यम यह है कि आप स्वयं को दूसरों की सेवा में समर्पित कर दें।” सेवाग्राम के अंदर प्रस्तावित सेवाश्रम उन स्वयंसेवकों का निवास होगा जो आत्मनिरीक्षण करना चाहेंगे और गांधीवादी सिद्धांतों पर काम करना चाहेंगे। यह आश्रम एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करेगा जो यहाँ रहने वालों को जीवन की गुणवत्ता और अन्य गतिविधियों के साथ जुड़ाव प्रदान करने में सहायक होगा। सेवाश्रम में सस्टेनेबल लिविंग के विचार और अन्य गतिविधियों के बीच बनने वाला संतुलन यहाँ के निवासियों और एक घर जैसा अनुभव बनाएगा है।

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