रायपुर। कोरोना काल में एक ओर जहां दवा कंपनियां मुनाफे में रहीं मगर वहीं अब इस क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों का भविष्य अधर में नजर आ रहा है। बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी नोवार्टिस (Novartis India Limited) के सीईओ संजय मुर्देश्वर ने नोवार्टिस इंडिया लिमिटेड के करीब 400 सेल्स प्रमोशन फील्ड वर्कर्स को एक साथ निकाल दिया गया है।

सतना के मेडिकल रिप्रजेंटेटिव विक्रम सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि नोवार्टिस इंडिया लिमिटेड (Novartis India Limited) ने डॉ. रेड्डीज लैब्स के साथ अपने उत्पादों वॉवेरान, कैल्शियम रेंज और मेथरजिन का वितरण समझौता किया है। कंपनी ने अचानक ही यह कदम क्यों उठाया है इसकी जानकारी अब तक नहीं है। हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी ने यूनियन को तोड़ने के लिए यह कदम उठाया है।
बता दें कि डॉ. रेड्डीज लैब्स के साथ हुए समझौते के साथ नोवार्टिस की उक्त डिवीजन के पास कोई उत्पाद नहीं रह गया है और डिवीजन के साथ काम करने वाले सभी कर्मचारियों की सेवा उनकी किसी भी गलती के बिना समाप्त कर दी गई है।
कंपनी ने एक सोची समझी रणनीति के तहत विगत 20 वर्षों में 50 से अधिक उत्पादों को इस डिवीजन के दवा प्रतिनिधियों से जानबूझकर छीन लिया ताकि इसे व्यवसायिक रूप से अव्यवहारिक घोषित किया जा सके।
रायपुर में नोवार्टिस इंडिया लिमिटेड के लिए काम करने वाले अभिजीत अकोलकर ने बताया कि सभी 400 कर्मचारी अब योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ेंगे। हम नोवार्टिस इंडिया लिमिटेड द्वारा किए गए इस अवैध बर्खास्तगी के आगे नहीं झुकेंगे।
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