अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर कलिंगा विश्वविद्यालय में गायन प्रतिस्पर्धा का किया गया आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर कलिंगा विश्वविद्यालय में गायन प्रतिस्पर्धा का किया गया आयोजन

रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की बहुमुखी प्रतिभा को विकसित करने के लिए विभिन्न शैक्षणिक विभागों के द्वारा व्याख्यान कार्यशाला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है इसी कड़ी में कलिंगा विश्वविद्यालय के शहीद वीर नारायण सिंह शोध पीठ के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर मातृभाषा में गायन प्रतिस्पर्धा का ऑनलाइन आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य निर्णायक के रूप में छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित गायक गीतकार और संगीता ग्य रामनारायण धुर्वे उपस्थित रहे।

कलिंगा विश्वविद्यालय के शहीद वीर नारायण सिंह शोध पीठ के अध्यक्ष डॉ अजय शुक्ला ने मातृभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में मुख्य निर्णायक रामनारायण धुर्वे का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास, भाषा, कला एवं संस्कृति से जुड़े विभिन्न पक्षों पर विद्यार्थियों की रुचि जागृत करते हुए उन के माध्यम से नए शोध और नई खोज के लिए प्रेरित किया जाता रहा है। इसी श्रृंखला में मातृभाषा के सम्मान में इस प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है, मातृभाषा में गायन प्रतिस्पर्धा कार्यक्रम में कई प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

बीएड की छात्र सुनीता ने मारी बाजी

इस प्रतिष्पर्धा में विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद ऑनलाइन प्रस्तुति के लिए 8 विद्यार्थियों का चयन किया गया। इसके बाद मुख्य निर्णायक रामनारायण धुर्वे ने B.Ed प्रथम सेमेस्टर की सुनीता कुमारी को प्रथम स्थान के लिए घोषित किया, जबकि द्वितीय स्थान पर बीए चतुर्थ सेमेस्टर की काजल साहू और तृतीय स्थान के लिए बीएससी बायोटेक मानसी के नाम की घोषणा की। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने हिंदी, उर्दू, बंगाली, भोजपुरी और मराठी मातृभाषा में गीतों की मधुर प्रस्तुति दी प्रतिस्पर्धा की समाप्ति के उपरांत रामनारायण धुर्वे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि समस्त प्रतिभागी शानदार प्रस्तुति के लिए बधाई के पात्र हैं मातृभाषा से ही एक व्यक्ति इस संसार में सबसे पहली अभिव्यक्ति करता है एक व्यक्ति के लिए मातृभाषा उसकी पहचान है।
इस कार्यक्रम का संचालन शहीद वीर नारायण शोध पीठ के अध्यक्ष और हिंदी विषय के प्राध्यापक डॉ अजय शुक्ला ने किया तकनीकी सहयोग ओमप्रकाश देवांगन और राजकुमार दास के द्वारा किया गया, वहीं भूगोल विभाग के प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष डॉ राजशेखर ने आभार और धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस आयोजन में छात्र कल्याण प्रकोष्ठ की अधिष्ठाता डॉ आशा अंबेडकर कला एवं मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ बी भट्टाचार्य अनीता सामल, चंदन सिंह राजपूत डॉक्टर श्रद्धा हिरकने, स्वरूपा पंडित, सबलुम पाणी, अनुरिमा दास, मधुमिता घोष, अब्दुल कादिर के साथ-साथ विभिन्न संकाय के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।