किसानों की कलेक्टर के साथ हुई "बइठका" में खाद की कमी और कालाबाजारी पर हुई चर्चा और स्थगित हो गया चक्का जाम
किसानों की कलेक्टर के साथ हुई "बइठका" में खाद की कमी और कालाबाजारी पर हुई चर्चा और स्थगित हो गया चक्का जाम

महासमुंद। रबी की फसल के लिए खाद की लगातार हो रही कमी और व्यापारियों द्वारा की जा रही कालाबाजारी के खिलाफ आज महासमुंद जिले के किसानों ने “यूरिया बइठका” (बैठक) और उसके बाद चक्का जाम का ऐलान किया था, मगर इससे पूर्व ही कलेक्टर ने किसानों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया और घंटों तक चली बैठक के बाद खाद की समय पर आपूर्ति और कालाबाजारी रोकने सहित अन्य मांगों पर सहमति बनी, तब जाकर किसानों ने चक्का जाम को स्थगित करने की घोषणा की।

खाद की कमी से किसान चिंतित

छत्तीसगढ़ में रबी फसल बुआई के करीब दो महीने पूरे होने को है लेकिन किसानों को अब तक यूरिया, डीएपी जैसे खाद नहीं मिलने से उन्हें अपनी फसल को लेकर चिंता सताने लगी है। पिछले एक महीने से ज्यादा समय से महासमुंद जिले के किसान जिला प्रशासन, खाद्य मंत्री और संबंधितों से कई बार निवेदन कर चुके हैं, बावजूद इसके खाद की आपूर्ति सामान्य नहीं हो सकी। इसके चलते किसानों ने मजबूर होकर आज सिंघनपुर में नेशनल हाईवे जाम करने का ऐलान किया था, लेकिन कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर की पहल व किसान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर चक्काजाम स्थगित किया गया।

हो चुकी थी बइठका और चक्का जाम की तैयारी

महासमुंद और आसपास के जिले के किसान आज सिंघनपुर में नेशनल हाईवे पर जाम लगाने के लिए एकत्र हो चुके थे। इस दौरान इनकी “यूरिया बइठका” भी हुई जिसमें अधिकांश किसान शामिल हुए। यहां बातचीत के दौरान ही एक प्रतिनिधिमंडल चर्चा के लिए कलेक्ट्रेट में आमंत्रित किया गया।
किसान नेता तेजराम विद्रोही ने बताया कि निजी दुकानदारों द्वारा किसानों को खाद के साथ ही अन्य सामग्रियां लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है, वहीं किल्लत होने पर अधिक दामों में खाद बेची भी जा रही है। उनकी मुनाफाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के साथ ही सहकारी समितियों में नगद खाद बिक्री की व्यवस्था किये जाने की मांग काफी समय से की जा रही है।

इन बिंदुओं पर बनी सहमति

महासमुंद कलेक्ट्रेट में जिलाधीश नीलेश कुमार क्षीरसागर की किसानों से कई दौर की वार्ता हुई और इस दौरान उन्हें आश्वस्त किया गया कि तीन दिन में किसानों को खाद उपलब्ध कराया जाएगा। सहकारी समितियों में नगद खाद विक्रय के लिए सहकारिता कानून में बदलाव के लिए किसानों की सात दिन के भीतर मंत्रिमंडल स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी। वहीं खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए कृषि विभाग का मैदानी अमला औचक कार्रवाई करेगा तथा निजी खाद विक्रेताओं से सरकारी दर पर खाद उपलब्ध करायी जाएगी। इस बैठक में मौजूद मार्कफेड के CEO ने किसानों को जानकारी दी कि सहकारी समितियों में ऋण लेने की अवधि 28 फरवरी से बढ़ाकर 15 मार्च कर दी गई है। इस वार्ता के बाद चक्का जाम स्थगित करने की घोषणा की गई।

इस बैठक में महासमुंद जिला पंचायत सदस्य एवं छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, जनपद सदस्य सोहन पटेल, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव एवं छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, विद्याचरण चौधरी, लखन पटेल, श्रीमती कांति सागर, लोकनाथ नायक, प्यारीराम साहू, सुशील भोई, पंकज चन्द्राकर शामिल हुए।

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