टीआरपी डेस्क। यू्क्रेन के कई शहर रूसी हमलों के बाद खाली किए जा रहे हैं। इस बीच कई भारतीय छात्र और अन्य लोग अब भी यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हैं और सरकार की मदद का इंतजार कर रहे हैं। यूक्रेन में फंसे इन्हीं लोगों को लेकर अब विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया है कि ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 18 हजार भारतीयों को यूक्रेन से सुरक्षित निकाला जा चुका है।

खारकीव में अब भी कुछ भारतीय फंसे

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारतीयों की वापसी को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि, बीते 24 घंटो में 15 फ्लाइट्स भारत आई हैं। अगले 24 घंटो के लिए 18 फ्लाइटों को यूक्रेन भेजा जाएगा। इनमें 3 फ्लाइट भारतीय वायुसेना की C-17 हैं। बाकी के कमर्शिलय फ्लाइट हैं, जिनमें एयर इंडिया, ईंडिगो, स्पाइस जेट, गो एयर और गो फर्स्ट की फ्लाइट्स हैं। उड़ानों की यह संख्या उन बड़ी संख्या में भारतीयों को दर्शाती है जो यूक्रेन से पार कर गए हैं और अब पड़ोसी देशों में हैं। हम इन सभी भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द भारत वापस लाने के प्रयास कर रहे हैं।

हालांकि भले ही भारत सरकार ने हजारों लोगों को यूक्रेन से बाहर निकाल लिया हो, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इन्हें लेकर विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि, शुरुआत में 20,000 भारतीय नागरिकों का रजिस्ट्रेशन किया गया था, लेकिन कई ऐसे भी थे जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। हमारा अनुमान है कि कुछ सौ नागरिक अभी भी खारकीव में रह रहे हैं। हमारी प्राथमिकता छात्रों को सुरक्षित रूप से बाहर ले जाना है।

अगले कुछ दिनों में लौटेंगे भारतीय

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आगे बताया कि, हम और उड़ानें शेड्यूल कर रहे हैं और अगले 2-3 दिनों में बड़ी संख्या में भारतीय वापस लौट आएंगे। मैं अपने लोगों की मेज़बानी करने और उन्हें निकालने में सहायता प्रदान करने के लिए यूक्रेन की सरकार और पड़ोसी देशों की सराहना करना चाहता हूं।

अरिंदम बागची ने बताया कि, हम भारतीयों की वापसी को लेकर कई देशों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। खासतौर पर यूक्रेन और रूस के साथ कई स्तरों पर चर्चा चल रही है। पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात की है। हमारा सिर्फ एक ही इरादा है कि जल्द से जल्द सभी भारतीयों को बाहर निकाला जाए।

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