रायपुर में आदिवासी कला-साहित्य का मेला अगले महीने, राज्य स्तरीय नृत्य महोत्सव और जनजातीय कला प्रतियोगिता में दिखेगी आदिवासी संस्कृति की झलक

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अगले महीने 11 से 13 अप्रैल तक अखिल भारतीय जनजातीय साहित्य समारोह आयोजित कर रही है। इसके साथ ही राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य महोत्सव और राज्य स्तरीय जनजातीय कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित होनी है।

अधिकारियों ने बताया, अखिल भारतीय जनजातीय साहित्य समारोह के अंतर्गत कुल 10 विषयों पर आधारित शोध पत्रों पर आधारित प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इन विषयों में जनजातीय साहित्य कल आज और कल, जनजातीय परंपरा एवं संस्कृति, जनजातीय कला में गोदना, बांस शिल्प, काष्ठ शिल्प, धातु शिल्प आदि शामिल हैं।

इनके अलावा जनजातीय भाषा-बोली, जनजातीय लोक नृत्य एवं लोकगीत, जनजातीय साहित्य में महिलाओं की भूमिका, जनजातीय विकास और समस्या, जनजातीय लोकोक्तियां, मुहावरे, लोककथाएं एवं पहेलियां आदि पर भी बात होगी।

जनजातीय संघर्ष एवं स्वतंत्रता संग्राम में जनजातियों की भूमिका आदि विषयों पर शोधपत्रों प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख आदिवासी लेखकों द्वारा लिखित साहित्यिक रचनाओं के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के लेखकों को भी शामिल किया जाएगा।

विभिन्न आयु वर्गों के बीच कला प्रतियोगिता

राज्य स्तरीय जनजातीय कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता विभिन्न आयु वर्गों के बीच होगी। इसके लिए मुख्य रूप से चार वर्ग बनाए जाएंगे। पहला 6 से 12 साल तक के बच्चों का वर्ग होगा। दूसरा 12 से 18 साल के कलाकारों का समूह होगा। तीसरा वर्ग 18 से 30 साल के युवाओं का होगा और चौथा वर्ग 30 साल से अधिक उम्र के कलाकारों का होगा। स्पर्धा के अलावा जनजातीय कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता की प्रदर्शनी भी लगाने का प्रस्ताव है।