उद्योगपति राकेश जिंदल के खिलाफ कोर्ट ने दर्ज किया एफआईआर, मृत व्यक्ति को जिन्दा बताकर उसकी जमीन अपनी कंपनी के नाम करने का मामला
उद्योगपति राकेश जिंदल के खिलाफ कोर्ट ने दर्ज किया एफआईआर, मृत व्यक्ति को जिन्दा बताकर उसकी जमीन अपनी कंपनी के नाम करने का मामला

रायगढ़। जिले के बहुचर्चित जमीन फर्जीवाड़े के मामले में आखिरकार न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए उद्योगपति राकेश जिंदल के खिलाफ FIR दर्ज किया और रायगढ़ जिले की पुलिस को मामले की जांच कर न्यायालय में चालान पेश करने का आदेश दिया है।

मरने के 6 साल बाद कराई रजिस्ट्री

यह मामला रायगढ़ जिले के ग्राम कचकोबा का है, जहां के रहने वाले दौलत सिंह का सन् 1995 में स्वर्गवास हो चुका है, मगर उसके नाम पर किसी नकली आदमी को दौलत सिंह बनाकर रजिस्ट्रार के ऑफिस में खड़ा करके दौलत सिंह के नाम पर ग्राम तमनार में स्थित भूमि खसरा नं. 229/46/6 रकबा 0.506 हे0 की रजिस्ट्री राकेश जिंदल द्वारा जिंदल पॉवर एंड स्टील कंपनी के नाम पर दिनांक 28.04.2001 को करा ली गई। बता दें कि रायगढ़ स्थित जिंदल पॉवर एंड स्टील कंपनी का कारोबार राकेश जिंदल ही देखते हैं।

परिजनों को करना पड़ा संघर्ष

मृतक दौलत सिंह के मरने के 6 साल बाद उसके नाम पर नकली आदमी खड़ा करके राकेश जिंदल द्वारा दौलत सिंह की जमीन जिंदल कंपनी के नाम पर रजिस्ट्री करा लेने के अपराध की जानकारी दौलत सिंह के नाती दिव्य सिंह को जब मिली, तब वह पूरे सबूत के साथ पुलिस और प्रशासन के उच्च अधिकारियों के पास जाकर न्याय के लिए भटकता रहा, लेकिन रसूखदार राकेश जिंदल के विरुद्ध न तो पुलिस अधिकारी किसी किस्म की सुनवाई के लिये तैयार थे, और न ही शासन और प्रशासन के उच्च अधिकारी ही राकेश जिंदल पर हाथ डालने की हिम्मत कर रहे थे।

न्यायलय की लेनी पड़ी शरण

मृतक के नाती ने इस मामले में न्याय पाने के लिये भारत के प्रधानमंत्री सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री, गवर्नर और राजस्व मंत्री से भी गुहार लगाई, लेकिन सभी जगह से उसे निराशा ही हाथ लगी, तब उसने थक-हार कर सितंबर माह में अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में इस मामले को लेकर परिवादपत्र प्रस्तुत किया।
बेहद गंभीर इस मामले की सुनवाई न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी दामोदर प्रसाद चन्द्रा की अदालत में सोमवार को की गईऔर इस प्रकरण में पीड़ित के अधिवक्ता आशीष कुमार मिश्रा के तर्कों को सुनने के बाद न्यायालय ने राकेश जिंदल के विरुद्ध धारा 467, 468, 471, 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए अभियोगपत्र पेश करने का निर्देश थाना प्रभारी चक्रधनगर को दिया है।

जांच में और भी होंगे खुलासे

पीड़ित के अधिवक्ता अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि अभी तो इस मामले में विवेचना शुरू हुई है। जांच आगे बढ़ने पर इस प्रकरण में फर्जी रजिस्ट्री में गवाह के रूप में हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति और दौलत सिंह के मरने के बावजूद उसे जिंदा बताकर एवं फर्जी दौलत राम का बयान दर्ज करके जमीन का नामातंरण करने वाले राजस्व अधिकारी सहित उपपंजीयक पर भी कानून की गाज गिर सकती है।


रायगढ़ जिले में पहली बार जिंदल परिवार के खिलाफ फर्जीवाड़े के किसी मामले में FIR दर्ज हुआ है। हालांकि इस प्रकरण को वापस लेने के लिए मृतक के नाती दिव्य सिंह पर काफी दबाव बनाया गया और उसे लाखों रुपयों का लालच भी दिया गया, मगर वह टस से मस नहीं हुआ और उसके लम्बे संघर्ष का ही परिणाम है कि आज उसे न्याय मिलने की शुरुआत हुई है। बहरहाल देखने वाली बात होगी कि इस मामले में पुलिस और प्रशासन का क्या रुख सामने आता है।

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