TRP डेस्क : उत्तर प्रदेश सहित देश के 5 राज्यों में कई माह से चल रही सत्ता की जंग के परिणाम आ चुके हैं। सपा गठबंधन सहित अन्य विपक्षी दलों की तमाम कोशिशों के बावजूद उत्तर प्रदेश में भाजपा ने जीत दर्ज कर ली है। आज आये परिणामों से स्पष्ट है कि यूपी में वाकई डबल इंजन की सरकार को लोगों ने पसंद किया और सीएम योगी और पीएम मोदी की जोड़ी के सामने कोई भी नहीं टिक पाया। भले ही पिछली बार की अपेक्षा इस बार परिणाम भजपा के लिए उतने अच्छे नहीं रहे हों, लेकिन डबल इंजन की सरकार के सामने विपक्षियों की टोली ध्वस्त नजर आ रही है।

भाजपा की विराट जीत के पीछे कई ऐसे कारण हैं जिनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इनमें सबसे बड़े कारणों की बात करें तो वो ये हैं:-

प्रदेश में गुंडाराज पर नियंत्रण में सफलता

प्रदेश में गुंडाराज पर नियंत्रण में सफलता सीएम योगी की जीत के पीछे का बड़ा कारण रहा है। 2017 में योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बने इसके बाद देखते ही देखते कई अपराधियों का एनकाउंटर होता चला गया। गुंडों के ठिकानों को ध्वस्त भी किया गया। यहाँ तक कि सीएम की पहचान भी ‘बुल्डोजर वाले बाबा’ के रुप में होने लगी। और अंततः आज बुल्डोजर सायकल को रौंद कर आगे निकल गई।

महिला सुरक्षा की दिशा में कदम

महिला सुरक्षा की दिशा में यूपी के सीएम योगी के उठाए कदमों को प्रदेश की महिलाओं ने सिर आँखों पर बिठाया है। फिर चाहे वो एंटी रोमियो स्कवाड हो या हर कोई और कदम। योगी के सीएम बनने के बाद प्रदेश की महिलाओं के साथ छेड़खानी और छींटाकशी जैसी घटनाएं कम हुई हैं। जिसके परिणामस्वरूप यूपी की महिलाओं ने योगी को वापस मठ जाने से रोका है।

रामलला और बाबा विश्वनाथ का आशिर्वाद

प्रदेश में चुनावी माहौल बनते ही सुनाई पड़ने लगा था कि, जो राम को लाए हैं, हम उन्हें वापस लाएंगे। मतलब प्रदेश की जनता ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा महत्वपूर्ण रहेगा। फिर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने भाजपा की जीत की गाड़ी को नई गति दे दी। पूरे चुनावी समर में सभी नेता कभी बाँके बिहारी की शरण में तो कभी बाबा विश्वनाथ के सामने सर झुकाते नजर आए। किसी किसी नेता के तो सपने में भी भगवान का आना हुआ। खैर भगवान रामलला हों या बाँके बिहारी या बाबा विश्वनाथ सबका आशिर्वाद भाजपा को ही मिलता ही नजर आ रहा है।

समाजवादी पार्टी की धूमिल छवि और मोदी लहर

इस चुनाव में भाजपा ने समाजवादी पार्टी की धूमिल छवि और मोदी लहर को भंजाने में कोई कसर नहीँ छोड़ी है। भाजपा के हर नेता ने लगभग हर रैली में सपा की खराब छवि को और खराब करने में कोई कसर नहीँ छोड़ी। रही सही कसर सपा के कुछ नेताओं ने चुनावी स्टंट करके निकाल दी। लाभ लेने के चक्कर में अपना ही नुकसान करा बैठे। जनाधार में भारी किमत चुकाने के बाद वे भी सोंचते होंगे की उपयोगी को अनुपयोगी सिद्ध करने के प्रयास में स्वयं किसी काम के न रहे।

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