बायो डीजल के अवैध कारोबार को लेकर सदन में बरसे सत्ता पक्ष के विधायक, कहा- मेरे इलाके में नहीं होने दूंगा गलत काम...
बायो डीजल के अवैध कारोबार को लेकर सदन में बरसे सत्ता पक्ष के विधायक, कहा- मेरे इलाके में नहीं होने दूंगा गलत काम...

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधान सभा में आज कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू ने बायो डीजल के हो रहे अवैध कारोबार को लेकर खाद्य मंत्री को घेरा और कहा कि नियमों से परे हटकर बायो डीजल के कारोबार की अनुमति दी गई है, और वे अपने इलाके में इस तरह का गलत काम नहीं होने देंगे। आखिरकार मंत्री को कहना पड़ा कि जांच में अगर कुछ गलत निकला तो कार्रवाई की जाएगी।

डोंगरगांव के कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू ने विधानसभा में सवाल किया था कि राजनांदगांव जिले में बायो डीजल/जैव ईंधन/ B – 100 के भण्डारण तथा थोक एवं चिल्हर बिक्री के लिए किन फर्मों को लायसेंस दिया गया है? इसके जवाब में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत द्वारा बताया गया कि 7 प्रतिष्ठानों को विधिवत तरीके से संबंधित विभागों से NOC लेने के बाद लायसेंस जारी किया गया है। इस जवाब से असंतुष्ट विधायक दलेश्वर साहू ने आरोप लगाया कि संबंधित विभाग द्वारा मंत्री को गुमराह किया गया है। उनके मुताबिक किसी भी फर्म को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत अनुमति नहीं दी गई है।

सत्तापक्ष के विधायक दलेश्वर साहू ने इस मामले में मुखर होकर सदन में अपनी बात कही और सदन में यहां तक कह डाला कि “मैं अपने क्षेत्र में कुछ भी गलत नहीं चलने दूंगा।” उन्होंने मांग की कि जिन नियमों के तहत फर्मों को बायो डीजल बेचने की अनुमति दी गई उनका इस संबंध में जारी गाइडलाइन से तुलनात्मक अध्ययन करा लिया जाये। आखिरकार खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने सदन में कहा कि जांच में अगर गलत पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।

गलत तरीके से दिया गया लाइसेंस

विधायक दलेश्वर साहू ने विधानसभा में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि राजनांदगांव के जिन 7 व्यवसाइयों को बायो डीजल बेचने का लाइसेंस दिया गया है वह नियम के मुताबिक नहीं है। नियमों को दरकिनार कर इन्हें बायो डीजल बेचने की अनुमति दी गई है, सच तो ये है कि वे इसके लिए पात्र ही नहीं है।

रमन के इलाके में भी…

चर्चा के दौरान दलेश्वर साहू ने बताया कि अवैध तरीके से बायो डीजल का कारोबार तो डॉ रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र में भी चल रहा, मगर पता नहीं उन्होंने यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया। दलेश्वर के मुताबिक बाग़ नदी से लेकर महाराष्ट्र, भिलाई-दुर्ग के सीमा क्षेत्र तक यह कारोबार अवैध तरीके से चल रहा है। उन्होंने इस बात को दोहराया कि वे गलत तरीके से किये जा रहे इस कारोबार को रोकने लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
TRP न्यूज़ ने इस मामले को लेकर जब दलेश्वर साहू से चर्चा की तब उन्होंने बताया कि बायो डीजल के कारोबार के लिए जिस तरह का अनापत्ति प्रमाण पात्र दिया गया है, वही गलत है। इसके लिए 11 बिंदुओं के तहत लाइसेंस देने का नियम है मगर न जाने किस तरह आनन-फानन में लाइसेंस दिया गया है। उसकी जांच होनी चाहिए।

बायो डीजल की जगह इम्पोर्टेड डीजल का इस्तेमाल..?

इस मुद्दे पर जब TRP न्यूज़ ने जानकारों से बायो डीजल के बारे में पता लगाया तब बताया गया कि छत्तीसगढ़ में बायो डीजल के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। इनका दावा है कि छत्तीसगढ़ में बायो डीजल के नाम पर इम्पोर्टेड डीजल खपाया जा रहा है। दरअसल बायो डीजल को डीजल में 60 : 40 के औसत से मिलाकर वाहन में डालने का प्रावधान है, मगर यह कथित बायो डीजल सस्ता होता है, इसलिए ट्रांसपोर्टर बिना मिलाये ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा करके टैक्स की चोरी भी की जा रही है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में बायो डीजल के नाम पर इम्पोर्टेड डीजल खपाये जाने की जानकारी मिली है। पूर्व में रायगढ़ और कोरबा जिले में ऐसे ही मामले में खाद्य विभाग द्वारा कार्रवाई भी की जा चुकी है। इसके बावजूद चोरी छिपे यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।

बहरहाल देखना ये है कि खाद्य मंत्री द्वारा की गई जांच की घोषणा के बाद इस मामले में सत्तापक्ष के विधायक दलेश्वर साहू द्वार लगाए गए आरोपों की जांच में पुष्टि होती है या नहीं। उन्होंने इस मुद्दे पर मीडिया के समक्ष क्या जानकारी दी जरा सुनिए :

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर

Trusted by https://ethereumcode.net