जांजगीर-चांपा। जिले के पामगढ़ एसडीएम करूण डहरिया के नाम पर अवैध उगाही का मामला सामने आया है। इस मामले में पीड़ित मेडिकल संचालक व ट्रैक्टर चालक ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जांच के दौरान कुछ तथाकथित पत्रकारों की भूमिका इस मामले में उजागर हुई है, और पुलिस संदेहियों से पूछताछ में लगी हुई है।

SDM साहब के गाड़ी में बैठे हैं…
जांजगीर जिले में भयादोहन कर वसूली के जो दो मामले सामने आये हैं, उसके मुताबिक पामगढ़ थाना क्षेत्र के रसौटा निवासी ट्रैक्टर चालक नंदकुमार पाटले ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि जब वह ट्रेक्टर में रेत लेकर गांव की ओर जा रहा था तभी एक कार चालक ने ओवरटेक करते हुए उसे रोका। कार पर तीन युवक सवार थे और इनमे से 2 युवक नीचे उतरे और रेत की रॉयल्टी पर्ची दिखाने को कहा। उसके पास पर्ची नहीं थी, यह जानने के बाद युवकों ने उससे 20 हजार रुपयों की मांग की, असमर्थता जताने के बाद युवकों ने कहा कि कार में पामगढ़ SDM करूण डहरिया बैठे हैं, जाकर उनसे बात कर लो, यह सुनकर वो डर गया। नंदकुमार ने अपने बेटे को फोन करके रुपयों का इंतजाम करने को कहा। किसी तरह 6000 रुपयों का जुगाड़ हुआ और इतने रूपये लेने के बाद युवकों ने उन्हें जाने दिया।

मेडिकल लाइसेंस रद्द करने की धमकी
इसी तरह ग्राम रसौटा निवासी मेडिकल स्टोर संचालक बलीराम यादव ने बताया कि रात 8 बजे कार सवार उसके घर पर पहुंचे और उसकी पत्नी अनुपा देवी से एसडीएम का नाम लेकर 10 हजार रुपए की मांग की। रुपए नहीं देने पर एक साल की सजा और मेडिकल लाइसेंस रद्द करने की धमकी दी। अनुपा देवी डर गई और मोबाइल से एसडीएम साहब के घर आने की जानकारी अपने पति को दी। इससे बली राम घबरा गया और मिन्नतें करने लगा। काफी दबाव के बाद बलीराम ने घर से तीन हजार रुपए निकालकर दे दिए ।
इस तरह की अवैध वसूली के शिकार ग्रामीणों ने जब एसडीएम के गांव आने के मामले की बात लोगों को बताई तब यह खुलासा हुआ कि गांव में कोई अधिकारी आया ही नहीं है। जिसके बाद दोनों ने पामगढ़ थाने में अज्ञात कार सवारों के खिलाफ FIR दर्ज कराया।
इस मामले की जांच में कार के नंबर और हुलिए के आधार पर जब पुलिस संदेहियों तक पहुंची तब चौंकाने वाले खुलासे सामने आये हैं। जानकारी मिली है कि वसूली के इस मामले में मीडिया से जुड़े लोग शामिल हैं, खबर यह भी है कि इनमे से एक टीवी चैनल का रिपोर्टर भी है। बहरहाल पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है और जल्द ही इस मामले का पर्दाफाश हो जायेगा।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी जांजगीर, बिलासपुर समेत अन्य जिलों में भी इस तरह भयादोहन कर लोगों से अवैध वसूली के मामले प्रकाश आ चुके हैं, और इन मामलों मे तथाकथित पत्रकारों की भूमिका सामने आयी है। फ़िलहाल लोगो को इस मामले के खुलासे का इंतजार है।

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