TRP डेस्क : कोरोना महामारी का संक्रमण देश में लगातार कम होता जा रहा है। जिसके बाद रेल प्रबंधन के समक्ष रेलयात्री सभी सुविधाओं को फिर से शुरू करने की मांग लगातार करने लगे हैं। बता दें पिछले 2 साल से अधिक समय से ट्रेनों में बुजुर्गों को किराए में छूट के सुविधा को बंद कर दिया गया था, जिसे रेलवे वापस शुरू नहीं करना चाहता। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में स्पष्ट किया है कि सीनियर सिटीजन को रेल किराए में मिलने वाली अतिरिक्त छूट की सुविधा फिलहाल शुरू नहीं की जा सकती है। ऐसे में अब उन लोगों को भी अन्य लोगों की तरह सामान्य किराया देकर यात्रा करनी होगी।

रेलवे के इस निर्णय से प्रदेश के भी बहुत से बुजुर्ग प्रभावित हो रहे हैं। बता दें कि प्रदेश के अलग-अलग स्टेशनों से यात्रा करने वाले 35% से 40% यात्री बुजुर्ग होते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार संक्रमण कम होने के बाद प्रतिदिन 30 हजार से अधिक लोग यात्रा करते हैं जिनमें से 8 से 10 हजार यात्री बुजुर्ग होते हैं। इतने यात्री कोरोना के पहले भी सफर करते थे। रेलवे के इस फैसले के बाद बुजुर्ग यात्रियों में काफी नाराजगी है। ज्यादातर यात्रियों को यही कहना है कि संक्रमण कम होने के बाद सब कुछ पहले जैसा हो चुका है लेकिन रेलवे की नजर अभी भी यात्रियों की जेब पर है।
पुनर्विचार की करेंगे मांग
रेल मंत्री के इस बड़े फैसले को लेकर रेलवे के सलाहकार सदस्य भी असहमत हैं। एक सलाहकार सदस्य का कहना है कि बुजुर्गों को दिए जाने वाली छूट पर पुनर्विचार करना चाहिए, हम इसके लिए रेल मंत्री के समक्ष मांग भी करेंगे। हर रोज बहुत बड़ी संख्या में वृद्ध यात्री यात्रा करते हैं जिन्हें किराए में छूट मिलनी ही चाहिए। अभी नहीं तो थोड़े समय बाद यह सुविधा यात्रियों के लिए बहाल कर देनी चाहिए।

कमाई में कमी का मुख्य कारण
कोरोना महामारी का संक्रमण कम होने के बाद रेलवे की गाड़ियां पटरी पर लौट चुकी हैं। रेलवे की कमाई भी पहले कि जैसे ही होने लगी है लेकिन कोरोना काल में हुए नुकसान से अभी भी रेलवे उबर नहीं पा रहा है। रेलवे अधिकारियों की मानें तो इसी के कारण रेलवे में सीनियर सिटीजन को छूट की सुविधा को फिलहाल बहाल नहीं किया जा सकता। ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद रेलवे की कमाई में लॉकडाउन के पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा कमी आई है।

इनकी छूट रहेगी जारी
कोरोना संक्रमण कम होने और लॉकडाउन खत्म होने के बाद रेलवे ने जब अपनी सेवाएं फिर से शुरू की तो केवल तीन ही श्रेणियों के यात्रियों को रेल किराए में छूट देने का निर्णय लिया गया। इनमें दिव्यांग, विद्यार्थी और 11 गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को शामिल किया गया है।
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