TRP डेस्क : देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी को लेकर यूजीसी की तरफ से एक बड़ी घोषणा की गई है। अब सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए होगी एक ही प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा का नाम CUET (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) है। अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय समेत सभी 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटी CUET के तहत आएंगे। यूजीसी चेयरमैन कुमार ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक प्रवेश परीक्षा’ देश भर सभी स्टूडेंट्स को एक ही एंट्रेंस टेस्ट देना होगा परिणामस्वरूप स्टूडेंट्स को एंट्रेंस टेस्ट के तौर पर अलग-अलग विश्वविद्यालयो के पहले जैसे अलग-अलग परीक्षा नहीं देनी होगी। अब वे CUET कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से परीक्षा दे पाएंगे।

CUET जुलाई 2022 के पहले सप्ताह में आयोजित होगा जब 12 वीं बोर्ड की परिक्षाएँ खत्म हो जाएंगी। इसकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अप्रैल के पहले सप्ताह में ऑनलाइन मोड में होगी। ये टेस्ट कंप्यूटर बेस्ड और मल्टीपल चॉइस होगी जिसमें माइनस मार्किंग रहेगी। परीक्षा 2 पालियो में होगी। यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिला CUET में प्राप्त किये गए स्कोर के आधार पर ही होगा। 12वीं बोर्ड के परिणामों के आधार पर कोई वेटेज नहीं मिलेगा। इसका साफ मतलब है कि अब सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए 12वीं का परिणाम आधार नहीं होगा। परीक्षा के बाद एनटीए (National Testing Agency) के द्वारा बनाये गए मेरिट लिस्ट के आधार पर ही छात्रों का दाखिला संभव होगा।

13 भाषाओं में दे सकते हैं छात्र एग्जाम

बता दें की अब सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) 2022-23 की परीक्षा 13 भाषाओं (हिंदी, इंग्लिश, मराठी, गुजराती, असमिया, बंगाली, पंजाबी, ओडिया, मलयाली, तेलुगू, तमिल, कन्नड़, उर्दू) में आयोजित की जाएगी। इस एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा किया जाएगा। ऐसे में कोई भी केन्द्रीय प्राइवेट, स्टेट या मानद विश्वविद्यालय यूजी की सीटों पर प्रवेश 12वीं के मेरिट के आधार पर नहीं देगी। ये एंट्रेंस टेस्ट 12वीं एनसीईआरटी (NCERT) के मॉडल सिलेबस पर आधारित होगी और इसमें मल्टीपल चॉइस प्रश्न के साथ-साथ निगेटिव मार्किंग भी होगी। हालांकि इस टेस्ट से आरक्षण व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। यूनिवर्सिटी कैंडिडेट्स को सामान्य सीटों के साथ ही आरक्षित सीटों पर भी सीयूईटी स्कोर द्वारा एनरोल कर सकेगी।

छात्र हित में है फैसला

इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा कि “यह फैसला छात्र हित में किया गया है। हमने विश्वविद्यालयों से कहा कि आपकी मौजूदा आरक्षण और प्रवेश नीति में बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन आपका प्रवेश केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) के आधार पर होना चाहिए। हमने एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया है जो स्पष्ट रूप से कहता है कि विश्वविद्यालय प्रवेश के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा परिणाम ही आधार होगा।”

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