रायपुर : नई राजधानी प्रभावित किसान विगत 80 दिनों से एनआरडीए भवन के समीप नया रायपुर में धरना में बैठे हुए हैं। इस बीच कई दौरों की बैठक और बातचीत के बाद भी प्रभावित किसानों के समस्याओं का कोई पुख्ता समाधान मिलता नजर नहीं आ रहा है। आंदोलन के 80 वें दिन किसान नेता रूपेन चंद्राकर का कहना है “समाधान न मिलने तक किसान आंदोलन लगातार जारी रहेगा, और किसी भी स्थिति में आंदोलन को स्थगित नहीं किया जाएगा।”

राकेश टिकैत आएंगे रायपुर

विगत माह छत्तीसगढ़ के किसान नेताओं का दिल्ली में राष्ट्रीय किसान नेता राकेश टिकैत से मिलना हुआ था। इस दौरान उन्होंने अपनी समस्याएं राकेश टिकैत के समक्ष रखी थीं। जिसके बाद राष्ट्रीय किसान नेता राकेश टिकैत ने छत्तीसगढ़ आने का आश्वासन किसानों को दिया था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार के साथ बात न बनने पर वह इस आंदोलन को अपने हाथों में लेंगे। हालांकि अब तक उनके आने की तिथि स्पष्ट नहीं हो पाई है। किसान नेता चंद्राकर का कहना है कि “आज ही शाम राकेश टिकैत से उनकी बात होने वाली है। इस दौरान वे आग्रह करेंगे कि राकेश टिकैत कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी से चर्चा करें कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार किसानों की मांगें नहीं मान रही हैं और इन मांगों को पूरा करने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर से कार्यवाही की जाए।”

छत्तीसगढ़ के सभी किसान संगठनों की होगी बैठक

रूपेन चंद्राकर ने TRP से चर्चा करते हुए बताया कि जल्द ही नई राजधानी प्रभावित किसान प्रदेश के सभी किसान संगठनों के साथ बैठक करने वाले हैं। यह बैठक 25 या 26 मार्च को संभावित है। इस बैठक में प्रदेश के सभी किसान संगठनों से नई राजधानी प्रभावित किसान सहयोग की बात रखेंगे।

क्रमिक भूख हड़ताल है जारी

नई राजधानी प्रभावित किसान आंदोलन में किसानों के द्वारा 8 मार्च से लगातार क्रमिक भूख हड़ताल जारी है। यह भूख हड़ताल मांगे पूरी होने तक जारी रखे रहेंगे। बता दें इसके पहले 4 किसानों ने आमरण अनशन का भी निर्णय लिया था। लेकिन आंदोलन के दौरान 11 मार्च को एक किसान की मौत होने के बाद किसान संगठन की प्रमुख नेताओं के द्वारा समझाइश देकर इन 4 किसानों के आमरण अनशन को समाप्त करवा दिया गया। लेकिन क्रमिक अनशन अभी भी जारी है। हालांकि किसान नेता चंद्राकर का कहना है कि “भीषण गर्मी को देखते हुए वह नहीं चाहते कि भूखे रहने के कारण किसी को कोई तकलीफ हो। इसलिए वह लगातार प्रयास कर रहे हैं कि किसान क्रमिक भूख हड़ताल को भी समाप्त करें। गर्मी के कारण कुछ महिलाएं बेहोश भी हो चुकी हैं। इस कारण सभी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भूख हड़ताल संबंधी कोई भी कार्यवाही ना हो इसके लिए वे प्रयासरत हैं।”

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