छत्तीसगढ़ में भी गुजरात की तर्ज में बन सकते हैं स्टील की सड़कें

रायपुर। सड़कों के मजबूती को बनाए रखने के लिए गुजरात सरकार द्वारा एक महत्तवपूर्ण पहल करते हुए सूरत में स्टील की सड़क बनाई गई है। देश में पहली बार ऐसा प्रयोग किया गया है। यह सड़क हजीरा इंडस्ट्रीयल एरिया में बनाई गई है।

पूरी सड़क स्टील की है और इसे बनाने के लिए स्टील की कोई चादर बिछाई गई होगी, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। इसे देश भर में स्टील प्लांट से निकलने वाले कचरे से बनाया गया है। आंकड़ों के अनुसार देश में हर साल अलग-अलग स्टील प्लांट से करीब 19 मिलिनय टन कचरा निकलता है।

छत्तीसगढ़ में भी बहुतायत मात्रा में छोटे -बड़े स्टील प्लांट हैं जिससे निकलने वाले कचरे लाखों टन हो सकते है। छत्तीसगढ़ के स्टील प्लांट के इस लोहे के कचरों का उपयोग कर गुजरात सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार भी पहल करें तो यहां भी स्टील की सड़कें बन सकती है। स्टील के सड़क बनने से सड़कें जल्द खराब नहीं होगी और मजबूती के साथ ही सड़कों के मरम्मत जैसे अनावश्यक खर्च से बचा जा सकता है।

प्रदेश की सड़कें ही आवागमन सहित व्यवसाय का एक बड़ा माध्यम है। एक तरह से सोचा जाय तो सड़कें ही प्रदेश की उन्नति का आधार है। गुजरात में स्टील से बनाए गए सड़कों को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि सबकुछ ठीक रहा तो भविष्य में देश में हाईवे और सड़क आदि बनाने के लिए स्टील कचरे का इस्तेमाल किया जाएगा।

इससे विकास कार्य को तेजी तो मिलेगी ही, साथ ही स्टील के कचरे से भी निजात मिल सकेगी। यह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान सहित इस्पात मंत्रालय और नीति आयोग की सहायता से तैयार किया गया है। यह परियोजना भारत सरकार के वेस्ट टू वेल्थ और स्वच्छ भारत अभियान से भी जुड़ी है।

गुजरात में बने स्टील के कचरे से सड़क बनाने के लिए सबसे पहले एक लंबी प्रक्रिया के बाद स्टील के कचरे से गिट्टी बनाई गई। इसके बाद इसका प्रयोग सड़क बनाने में किया गया। बनाई गई सड़क की मोटाई को भी 30 प्रतिशत तक घटाया गया है। ऐसी उम्मीद है कि स्टीक कचरे की तकनीक से बनी सड़क ज्यादा मजबूत होगी और मॉनसून सीजन में इसके खराब होने की संभावना बेहद कम होगी।

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