टीआरपी डेस्क। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है। वहीं कई राज्यों ने सूचना दी कि उनके यहां पर्याप्त हेल्थ वर्कर वैक्सीन लगवाने नहीं आ रहे हैं। जिसके कारण वैक्सीन की खुराक बर्बाद हो रही है। देश में लगातार कई राज्यों से वैक्सीन से लोगो के झिझक की समस्या सामने आ रही है। अब तक छह राज्यों के अधिकारी इसकी सूचना दे चुके हैं।

अधिकारियों ने कहा वैक्सीन की शीशियां हो रही बर्बाद :-

महाराष्ट्र, तमिलनाडु, हरियाणा, बिहार और असम के अधिकारियों ने कहा कि खुराक बर्बाद हो रही है क्योंकि वैक्सीन की शीशियों को खोले जाने के चार घंटे के भीतर ही उन्हें उपयोग करने की आवश्यकता होती है। प्रत्येक शीशी में 10 या 20 खुराक होती हैं।

वहीं अमरावती के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिलीप रणमले ने कहा, “टीकाकरण के पहले दिन हमने 100% मतदान दर्ज किये थे। हमने कोई इकाई नहीं खोई। सभी पंजीकृत 100 स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों ने टीकाकरण का विकल्प चुना। हमारे द्वारा खोले गए सभी पाँच शीशियों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया था। हालांकि, अगले दिन जब केवल 38 हेल्थ वर्कर्स सामने आए, तो दूसरी शीशी से खोली दो खुराक बर्बाद हो गईं।”

राजधानी दिल्ली में 1000 खुराक हो गई बर्बाद :-

दिल्ली में अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि राजधानी भर में कम से कम 1,000 खुराक बर्बाद हो गईं। इस मुद्दे पर एक राजनीतिक लड़ाई भी हुई। जिसमें पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्विटर पर सरकार से अधिक वॉलिन्टियर्स को टीकाकरण अभियान में शामिल करने को कहा।

इस पर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जवाब दिया की, “पहले ही इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए कदम उठा चुका है। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी शीशी या सत्र बर्बाद न हो और अनुपस्थिति के मामले में, अन्य लाभार्थी को टीके बांटे जा रहे हैं।”

समाधान के लिए सरकार तैयार किया डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म :-

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 16 जनवरी से बुधवार शाम 6 बजे तक आयोजित 14,119 सत्रों में 786,842 लोगों को टीका लगाया जा चूका है। लेकिन यह तय किए गए लोगों का मात्र 55% ही है। रोज़ 100 लोगों को प्रत्येक सत्र के लिए चुना जाता है। लेकिन औसतन उनमें से लगभग 45 लोग टीका लगवाने नहीं आ रहे हैं।

साथ ही टीके को लेकर पैदा हुई झिझक के समाधान को लेकर सरकार ने मंगलवार को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म भी तैयार किया है। जिससे उन स्वस्थ्य कर्मचारियों को भी टीका लगाने की अनुमति दी जा सके। जिन्हें पहले से निर्धारित न किया गया हो।

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